Lakhimpur Violence News: लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसानों का परिवार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. किसान परिवारों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की जमानत के खिलाफ याचिका दायर की है.  याचिका में कहा गया- 'हाईकोर्ट ने अपराध की गंभीरता पर ध्यान नहीं दिया और उत्तर प्रदेश सरकार ने जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर नहीं की.' बीते दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आशीष मिश्रा को जमानत दी थी जिसके एक हफ्ते बाद आरोपी को जेल से रिहा किया गया था.


मिली जानकारी के अनुसार किसानों के परिवारों की ओर से गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ वकील प्रशांत भूषण ने याचिका दायर की थी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में वकील शिव कुमार त्रिपाठी और वकील सीएस पंडा ने जमानत के खिलाफ याचिका दायर की थी. उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि आशीष मिश्रा की जमानत से गवाहों की जान को खतरा हो सकता है.


अखिलेश ने की थी जलियांवाला बाग से तुलना
बता दें रविवार को ही लखीमपुर में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने तिकोनिया इलाके में चार किसानों की कथित तौर पर वाहन से कुचलकर हुई मौत के मामले की तुलना जलियांवाला बाग हत्याकांड से किया था. हालांकि सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनके इस बयान को राजनीति से प्रेरित बताया था.


जमानत के वक्त आशीष के वकील ने कही थी यह बात
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में आशीष मिश्रा का पक्ष रख रहे वकील सलिल कुमार श्रीवास्तव ने कहा था कि पुलिस अदालत में यह साबित नहीं कर पाई कि जिस गाड़ी ने किसानों को कुचला था उसमें आरोपी था.  उन्होंने दावा किया था कि आरोपी आशीष मिश्रा का ड्राइवर हरिओम मिश्रा गाड़ी चल रहा था, ऐसे में उसकी गलती है.


क्या है मामला
बीते साल 3 अक्टूबर को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के एक कार्यक्रम के लिए अजय मिश्रा टेनी के पैतृक गांव पर जाने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक समूह में 4 किसान गाड़ी से कुचले गए थे. इसके बाद हुई हिंसा में चार और लोग मारे गए थे. 


इस घटना की जांच एक एसआईटी ने की थी. इसके बाद आशीष मिश्रा सहित अन्य आरोपियों पर IPC की धाराओं 307, 326, 302, 34,120 बी,147, 148,149, 3/25/30 लगाई थी. बीती 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के जज  जस्टिस राजीव सिंह की पीठ ने दिया आशीष मिश्रा को जमानत दी थी. 18 जनवरी को लखनऊ बेंच ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. 


यह भी पढ़ें:


Uttarakhand: बीजेपी में भितरघात को लेकर मचे घमासान पर Anukriti Gusain का तंज- जो अपने मामले नहीं संभाल सकते वो...


UP Election 2022: अखिलेश का सीएम योगी पर तंज, बोले- बाबा जी अपने प्रिय जानवर का ध्यान नहीं रख पा रहे, SP-BJP में सीधा मुकाबला