प्रयागराज: चैत्र नवरात्र आज से शुरू हो गया है, लेकिन इस बार के नवरात्र पर कोरोना वायरस का साया साफ़ तौर पर नज़र आ रहा है. शक्तिपीठों और दूसरे देवी मंदिरों में आज पहले दिन देवी मां का श्रृंगार शैलपुत्री स्वरूप में किया गया. प्रयागराज में शक्तिपीठ अलोप शंकरी मंदिर में भी आज फूलों से देवी मां का विशेष श्रृंगार कर भव्य आरती की गई. इस खास मौके पर देशवासियों के कोरोना से सुरक्षित रहने की प्रार्थना की गई. ज़्यादातर भक्तों ने आज घर पर ही पूजा अर्चना की और उनसे कोरोना वायरस का प्रकोप कम करने की गुहार लगाई. अलोप शंकरी ऐसी शक्तिपीठ है जहां कोई मूर्ति नहीं है और लोग एक पालने की पूजा करते हैं.


वहीं गाजियाबाद के एक प्राचीन मंदिर में एबीपी गंगा की टीम पहुंची. मोहन नगर का यह देवी मंदिर बहुत ही प्राचीन मंदिर है, हजारों की तादाद में यहां भक्तगण आते हैं, पैर रखने की भी जगह नहीं मिल पाती है, लेकिन सरकार की तरफ से गाइडलाइंस है, तो ऐसे में सभी नियमों का पालन किया जा रहा है. मंदिर के बाद लंबी कतार लगी है, मंदिर का जो मुख्य द्वार है, 5 लोगों को एक बार में अंदर प्रवेश कराया जा रहा है, जब वह 5 लोग दर्शन करके आ जाएंगे उन्हें दूसरे रास्ते से निकाला जाता है. वहीं दर्शन करने आए भक्तों का भी कहना है गाइडलाइंस का पालन कर रहे हैं.


कानपुर में कई देवी मंदिरों को बंद रखने का फैसला


नवरात्र के पहले दिन माता के शैल पुत्री स्वरूप की पूजा की जा रही है. इस दौरान कानपुर में कई देवी मंदिरों को बंद रखने का फैसला लिया गया है. दरअसल, कोविड-19 की जारी की गई गाइडलाइन का पालन कराने में मंदिरों ने असमर्थता जताई है. जिसके चलते कानपुर शहर के तपेश्वरी देवी और वहीं कानपुर दक्षिण के बारादेवी मंदिर को नवरात्रि में बंद रखा गया है. बारादेवी मंदिर में पुजारियों ने मंदिर के अंदर सुबह की आरती की.


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