Rudraprayag News: विश्व विख्यात केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) आने वाले यात्रियों के लिये अच्छी खबर है. आगामी सालों में अब केदारनाथ धाम आने वाले यात्रियों को रोप-वे की सुविधा मिल पायेगी. इसी साल से रोप-वे निर्माण की प्रक्रिया प्रशासन स्तर पर शुरू हो गई है. फिलहाल, गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक नौ किलोमीटर रोप-वे लाइन का निर्माण किया जायेगा. नौ किलोमीटर लंबी इस रोप-वे लाइन का निर्माण लगभग नौ सौ करोड़ की लागत से किया जायेगा.


बता दें कि 16-17 जून 2013 को केदारनाथ में आई आपदा के बाद से केदारनाथ धाम को मोटरमार्ग से जोड़ने की मांग हो रही है. विषम भौगोलिक परिस्थितियों के मध्यनजर यहां मोटरमार्ग का निर्माण होना संभव नहीं है. आपदा से पहले जो पैदल मार्ग केदारनाथ धाम को जोड़ता था, वह रामबाड़ा से आगे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो रखा है. रामबाड़ा से आगे नये पैदल मार्ग का निर्माण किया गया है, लेकिन रामबाड़ा से लेकर केदारनाथ घोड़ा पड़ाव तक खड़ी चढ़ाई है. इस चढ़ाई को पार करना बेहद मुश्किल है. रामबाड़ा से लेकर केदारनाथ घोड़ा पड़ाव की चढ़ाई को पार करते समय सांस फूलने के कारण कई बार यात्री बीमार हो जाते हैं, जबकि हार्ट के मरीजों की यहां मौत भी हो जाती है. 


इसमें चार स्टेशन बनाये जाएंगे
केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा से यात्रियों को सुविधा देने के लिए विगत अक्टूबर महीने में केदारनाथ धाम की यात्रा के दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गौरीकुंड-केदारनाथ रोप-वे का शिलान्यास किया था. प्रथम चरण में गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच इस केबल कार का निर्माण किया जायेगा. वन भूमि स्थानांतरण के साथ ही टेंडर की प्रक्रिया गतिमान है. इसमें चार स्टेशन बनाये जाएंगे. नौ किलोमीटर लंबी लाइन का कार्य नौ सौ करोड़ की लागत से किया जायेगा.


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द्वितीय चरण में गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक इसका निर्माण होगा. इस रोप-वे का निर्माण होने से केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को जहां सहूलियत मिलेगी, वहीं यात्रा मार्ग पर मरने वाले यात्रियों की संख्या भी कम होगी. नौ किलोमीटर की दूरी यात्री 35 से 40 मिनट के भीतर तय करेंगे. अभी पैदल दूरी को तय करते समय आठ से दस घंटे लग जाते हैं. कई बार पैदल मार्ग पर घोड़ा-खच्चरों के अधिक चलने से भी दिक्कतें होती हैं, जबकि हजारों यात्रियों को हेली टिकट भी नहीं मिल पाते हैं. इस रोप-वे के बन जाने के बाद यात्रियों की बहुत सारी दिक्कतें दूर हो जाएंगी. रोप-वे का निर्माण होने के बाद यात्री एक ही दिन में बाबा केदार के दर्शन करके वापस लौट सकते हैं.