भारत सरकार की डिप्टी सेक्रेटरी श्रेया भारद्वाज की ओर से BHU के रजिस्ट्रा को भेजे पत्र में कहा गया है - मुझे यह सूचित करने का निदेश हुआ है कि भारत की राष्ट्रपति, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की कुलाध्यक्ष के रूप में, प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), कानपुर को उनके कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष की अवधि के लिए या 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो, विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त करती हैं.

पत्र में कहा गया है कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी की सेवाओं के नियम और शर्तें वे होंगी जो विश्वविद्यालय के अधिनियम, संविधि और अध्यादेशों में निर्धारित हैं. बता दें प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी आईआईटी रुड़की के निदेशक रह चुके हैं. इसके अलावा भी अन्य प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान में बड़े पद पर कार्यरत रहे हैं.

कौन हैं अजीत कुमार चतुर्वेदी?

अजीत कुमार चतुर्वेदी फिलहाल IIT कानपुर में  इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं. संचार सिद्धांत और प्रणालियों में इनकी विशेषज्ञता है. संचार सिद्धांत और प्रणालियाँ, वायरलेस संचार, सूचना सिद्धांत, स्प्रेड स्पेक्ट्रम प्रणालियों में इनकी शोध रुचि है.

अजीत कुमार को 2007 में आईआईटी कानपुर का विशिष्ट शिक्षक पुरस्कार मिला. वर्ष 2008 में एनटीयू, सिंगापुर की टैन चिन तुआन फ़ेलोशिप मिली. साथ ही वह बी.टेक प्रोजेक्ट (बीटीपी) समूह के तीन बार (2002, 2006 और 2012) पर्यवेक्षक रहे. जिसने सर्वश्रेष्ठ बीटीपी पुरस्कार जीते.