Prayagraj News: सूर्य उपासना के महीने कार्तिक के अंतिम स्नान पर्व कार्तिक पूर्णिमा पर आज संगम नगरी प्रयागराज में गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी में आस्था की एक डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा हुआ है. दूर-दूर से आये हज़ारों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम की धारा में डुबकी लगाने के बाद सूर्य को अर्ध्य दे रहे हैं और भगवान कार्तिकेय की पूजा-अर्चना कर साल भर अपने परिवार के निरोग रहने की कामना कर रहे हैं. संगम पर सूरज की पहली किरण निकलने से पहले ही हज़ारों श्रद्धालु  इकट्ठे हो गए थे. कई घाटों पर तो तिल रखने की भी जगह नहीं बची. ग्रह नक्षत्रों के दुर्लभ संयोग की वजह से इस बार कार्तिक पूर्णिमा के स्नान का विशेष महत्व है.


संगम आने वाले श्रद्धालु स्नान और पूजा-अर्चना के साथ ही दान-पुण्य भी कर रहे हैं. मान्यताओं के मुताबिक़ कार्तिक पूर्णिमा के ही दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय का जन्म हुआ था, जबकि स्रष्टि के पालनहार भगवान विष्णु ने आज ही के दिन मत्स्यावतार रूप धारण किया था.


देव दीपावली भी धूम-धाम से मनाई जाएगी


इस कारण कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान और पूजा अर्चना करने वाले को अक्षय पुण्य और स्वस्थ जीवन की प्राप्ति होती है. इसी वजह से संगम नगरी प्रयागराज में त्रिवेणी की धारा में स्नान करने वालो की भारी भीड़ उमड़ी हुई है. संगम समेत प्रयागराज के तमाम घाटों पर आज शाम को देव दीपावली भी धूम-धाम से मनाई जाएगी.


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