Kanpur News: रमजान के पाक महीने में मुस्लिम धर्म से जुड़े लाखों करोड़ों लोग रोजे रखकर इस महीने ख़ुदा की इबातद करते हैं. बुराइयों से तौबा कर इस पाक महीने में लोग सूर्य उदय के साथ सूर्य अस्त तक उपवास रहते हैं. कहा जाता है कि ये महीना मुस्लिमों के लिए खुदा की खास इबादत का महीना होता है. लेकिन इस महीने में होने वाले रोजे बहुत ही कठिन माने जाते हैं. बावजूद इसके मुस्लिम खुदा की इबादत में इसे पूरा करते हैं.
लेकिन कुछ खास तरह के बीमारी से ग्रसित मुस्लिम इस पाखाने में कैसे इबादत करें और कैसे रोजे से रहें इसके लिए कंपू मेडिकल संगठन के तमाम डॉक्टर्स ने हार्ट, शुगर बीपी और डिहाइड्रेशन से जुड़ी समस्याओं वाले मरीजों के लिए कुछ सलाह जारी की है, जिसके चलते मुस्लिम मरीज भी इसे डॉक्टर्स के परामर्श से पूरा कर सकते हैं.
मुस्लिम मरीजों को रोजा रखने के लिए डॉक्टरों से परामर्श लेना चाहिएअमूमन इंसान में उम्र के साथ तमाम बीमारियां घर कर जाती है और इंसान उन बीमारियों से जूझता है. लेकिन इस रमजान के महीने में खुदा की इबादत का ये मौका आज की तारीख में कोई भी मुस्लिम खोना नहीं चाहता है. जिसके चलते बहुत से मुस्लिम भाइयों और बहनों में शुगर, हार्ट की समस्या और बीपी जैसी बीमारियां है, जिसके चलते उन्हें नियमित रूप से दवाइयां खानी पड़ती है. सुनिश्चित डाइट लेनी पड़ती है. लेकिन ऐसे में जब की ये रोजे बिना पानी पिए पूरे करने होते हैं. जिसके चलते खास मरीजों में दिक्कतें पैदा होती है.
रमजान के दिनों में कई ऐसे मरीज होते हैं, शुगर के मरीज को निर्धारित समय पर भोजन करना होता है. दवाइयां खानी पड़ती है, उसी तरह बीपी, हार्ट, डीहाइड्रेशन के मरीजों को भी इस महीने में समस्या बढ़ सकती है. ऐसे में कानपुर मेडिकल संगठन के तत्वाधान में ऐसे मुस्लिमों के लिए कुछ सलाह दी गई कि वो पहले तो ऐसे उपवास से बचने की कोशिश करें, अगर फिर भी उन्हें लगता है कि उन्हें रोजे रखना है तो अपने डॉक्टर्स की सलाह लें और उनसे पूछे कि कैसे रोजे को पूरा किया जा सकता है. जिसे उनके शरीर में कोई कॉम्प्लिकेशन पैदा न हों.
आईएमए अध्यक्ष डॉक्टर ने क्या बोला? इसी बाबत आईएमए अध्यक्ष डॉक्टर नंदनी रस्तोगी ने बताया कि बल्ड शुगर के मरीज अगर उपवास रखना चाहते हैं तो उन्हें सुबह की खुराक सुबह रोजे शुरू करने से पहले लिए गए भोजन के समय ले लेनी चाहिए. जोकि शहरी के समय होनी चाहिए, अगर कोई इंसुलिन डिपेंडेंट मरीज है तो उसे लंबे समय तक काम करने वाली इंसुलिन का अल्ट्रा शॉट लेना चाहिए, इफ्तार के समय तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा करना चाहिए. जिससे उनकी बॉडी में डिहाइड्रेशन की समस्या पैदा न हो.
वहीं बीपी के मरीजों को इफ्तार के समय और सुबह शहरी के समय दवाइयां ले लेना चाहिए. जिससे उनके शरीर में दवाइयों के अभाव में बदलाव न हो, किडनी की समस्या वाले मरीजों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि की उन्हें डॉक्टर्स से नियमित परामर्श लेते रहना होगा. जैसे दिन के समय में हम खाना खाते समय या डाइट लेते समय अपनी दवाइयां खाते हैं वैसे उसमें परिवर्तन कर हमे रात के शेड्यूल को बनाना चाहिए जैसे रात नहीं दिन हो.
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