उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जनपद में मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर राजनीतिक अखाड़ा बनते-बनते रह गया. जब यहां जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) में बीजेपी सांसद देवेन्द्र सिंह भोले और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी के बाच जमकर तू-तू मैं-मैं और हाथापाई की नौबत आ गयी. जिसे देख अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए और दोनों को अलग किया.
इसके बाद मीटिंग आनन-फानन में खत्म कर दी गयी. इस पूरे प्रकरण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. जिसमें दोनों एक दूसरे को धमका रहे हैं. वीडियो में सांसद देवेन्द्र सिंह भोले कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि मुझसे बड़ा गुंडा कोई नहीं, मैं कानपुर देहात का सबसे बड़ा हिस्ट्रीशीटर हूं. तो पूर्व सांसद वारसी ने उन पर फैक्ट्री वसूली के गंभीर आरोप लगाए.विपक्षी नेतओं ने वीडियो शेयर कर भाजपा में गुटबाजी पर सवाल उठाए हैं.
क्या था पूरा मामला ? जब एक दूसरे पर भडके दोनों नेता
बता दें कि डीएम सभागार में दिशा बैठक में जनपद के विकास कार्यों, बिजली, सड़क, जल निकासी जैसे आम लोगों के मुद्दों पर चर्च हो रही थी. जिसमे जिलाधिकारी कपिल सिंह, एसपी श्रद्धांजलि पाण्डेय,समेत कई अधिकारी व जन प्रतिनिधि भी मौजूद थे.
विवाद उस वक़त शुरू हुआ जब पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी ने अकबरपुर नगर पंचायत में मिर्जा तालाब की जांच को लेकर सवाल उठाए. यही नहीं उन्होंने सांसद देवेन्द्र सिंह भोले पर अधिकारियों पर दबाब डालने का आरोप लगाया साथ ही कहा कि सांसद के लोग फैक्ट्रियों से वसूली कर रहे हैं.
जिस पर सांसद देवेन्द्र सिंह भड़क गए, बोले-वारसी जी को उपचार की जरूरत है. हर चुनाव से पहले वे अफसरों को निशाना बनाते हैं और माहौल खराब करते हैं. अगर गुंडागर्दी की बात है तो मुझसे बड़ा कोई गुंडा नहीं है. मैं 50 साल से राजनीति में हूं और कानपूर देहात का सबसे बड़ा हिस्ट्रीशीटर हूं. मामला इतना बढ़ा की मारो-मारो और देख लेंगेजैसी आवाजें सभागार में गूंज उठीं.
अधिकारियों ने किया बीचबचाव
दोनों के समर्थकों को बढ़ता देख डीएम और एसपी ने दोनों अलग किया और बैठक स्थगित कर दी. बैठक में मौजूद अन्य जनप्रतिनिधि भी हैरान रह गए.
इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हैं. वहीँ सांसद देवेन्द्र सिंह भोले ने वारसी पर आरोप लगाया कि वे पार्टी और सांसद का सम्मान नहीं कर रहे. फ़िलहाल इस मामले में अभी बीजेपी नेताओं का बयान नहीं आया है.