कानपुर देहात के एक गांव में सौ से ज्यादा ग्रामीणों के खून में सामान्य से ज्यादा क्रोमियम मिलने से हड़कंप मच गया है. एनजीटी के निर्देश पर औद्योगिक क्षेत्र रनिया के आसपास के इलाकों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से शिविर लगाया था जिसमें यहां रहने वाले लोगों के खून के नमूने लिए गए. इसी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है.

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दरअसल, रनिया औद्योगिक क्षेत्र के खानचंद्रपुर में क़रीब 90 हज़ार मीट्रिक टन क्रोमियम कचरा डंप किया गया था, जिसकी वजह से इस इलाके में भूजल दूषित हो गया. पिछले काफी समय से यहां हैंडपंपों से पानी दूषित आने लगा था. पानी की रंग पीला हो गया था. इस पानी का सेवन करने से यहां के लोग बीमार होने लगे. 

दूषित पानी से बढ़ा क्रोमियम का स्तर

दूषित पानी की वजह से यहां के लोगों को पेट और त्वचा से संबंधित बीमारियां हो रही थीं, जिसके बाद ये मामला एनजीटी पहुंचा. मामले की गंभीरता को एनजीटी ने ग्रामीणों के स्वास्थ्य की देखरेख के निर्देश दिए थे, जिसके बाद साल 2024 में कचरे से क्रोमियम हटा दिया गया लेकिन इसका असर अब भी दिख रहा है. 

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ग्रामीणों के खून की जांच में खुलासा

यहां के खानचंद्रपुर शिवनाथपुरवा, घारमपुर और उमरन गांवों में दूषित पानी की वजह से लोगों को समस्याएं हो रही थी. जिसके बाद एनजीटी ने ग्रामीणों की जांच के निर्देश दिए. बीते चार नवंबर को इन गांवों से 102 ग्रामीणों के ख़ून की जांच की गई. जिसमें तय मानक से ज्यादा क्रोमियाम पाया गया है. जबकि मरकरी की मात्रा कम मिली है. 

राहत की बात ये हैं कि इन लोगों में अभी कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या नहीं है. सीएमओ डॉ एके सिंह ने बताया कि ग्रामीणों के ख़ून के नमूने लखनऊ भेजे गए थे, जिसकी रिपोर्ट आ गई हैं. इसमें ग्रामीणों में क्रोमियम की मात्रा सामान्य से बढ़ी हुई मिली है. अब प्रभावित गांवों के आठ हजार लोगों की जांच कराई जाएगी, इनमें वो लोग भी है जिनके सैंपल पहले लिए गए थे.   

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