निशिकांत दुबे के दावे पर भड़के मौलाना काब रशीदी, लगाया सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का आरोप
Waqf Amendment Bill: पूरे देश में वक्फ संशोधन बिल का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. जेपीसी को मिले बड़ी संख्या में संशोधन बिल पर प्रतिक्रिया को लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सवाल खड़े किए हैं.
Moradabad News Today: वक्फ संशोधन बिल को लेकर बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को एक पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाए थे. निशिकांत दुबे के इस आरोप पर उत्तर प्रदेश जमीयत उलेमा ए हिन्द के कानूनी सलाहकार मौलाना काब रशीदी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
मौलाना काब रशीदी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद का यह बयान देश में सांप्रदायिक धुर्वीकरण का माहौल बनाने का एक हिस्सा है, यह अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन करने वाली बात है. उन्होंने कहा कि जब सरकार की जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) ने लोगों से उनकी राय मांगी तो मुस्लिम संगठनों ने मदद के लिए एक पत्र ड्राफ्ट किया.
काब रशीदी ने लगाए ये आरोप
मौलाना काब रशीदी ने कहा कि "इस पत्र को क्यूआर कोड के जरिये भेज दिया गया. उन्होंने जब यह मांगा तो इसे भेज दिया गया." काब रशीदी ने सवाल पूछते किया कि, "जब इसी प्रकार मठ मंदिरों से भी QR कोड के जरिये राय भेजी गई तो क्या वह भी अंतराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा थे?"
गंभीर आरोप लगाते हुए मौलान काब रशीदी ने कहा, "सरकार मुसलमानों की वक्फ संपत्ति पर कब्जा करना चाहती है." उन्होंने कहा, "मुसलमानों की वक्फ संपत्तियों पर सरकारी दफ्तर बने हुए हैं और बड़े कारोबारियों की कोठियां और फैक्ट्रियां बनी हुई हैं."
'साथ लड़नी होगी अधिकार की लड़ाई'
काब रशीदी ने कहा कि "आज सरकार ऐसा मुसलमानों के साथ कर रही है तो कल सिखों और ईसाइयों के साथ भी करेगी. इसलिए अल्पसंख्यकों और दलित- पिछड़ों सबको मिलकर अपने अधिकारों की लड़ाई लड़नी पड़ेगी."
उन्होंने कहा, "बिहार और आंध्र प्रदेश में जिन सियासी दलों ने पिछड़ों- दलितों और मुसलमानों का वोट लिया है और आज उनके हक की लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं. ऐसे में उनके खिलाफ भी बड़ा आंदोलन होना चाहिए."
निशिकांत दुबे ने क्या कहा?
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे 31 सदस्यीय जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी का हिस्सा हैं. उन्होंने कमेटी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को पत्र लिखकर इस मामले की जांच की मांग की है. निशिकांत दुबे ने पत्र में लिखा है कि करोड़ों की संख्या में आए फीडबैक में साजिश नजर आ रही है, यह कट्टरपंथी संगठनों, जाकिर नाइक जैसे व्यक्तियों, ISI और चीन की साजिश लगती है.
अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले निशिकांत दुबे का दावा किया कि "यह असंभव है कि अकेले भारत से 1.25 करोड़ रिएक्शन मिलें." उन्होंने कहा,"मेरा मानना है कि जेपीसी कमेटी को हमारी विधायी प्रक्रिया की अखंडता और स्वतंत्रता सुनिश्चित करनी चाहिए."
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