Joshimath Land Sinking: उत्तराखंड स्थित जोशीमठ में मंगलवार से खतरनाक घरों को गिराए जाने का सिलसिला शुरु हो जाएगा. मिली जानकारी के अनुसार 75 घरों पर लाल निशान लगा दिए गए हैं. बताया गया कि इन घरों को गिराने के लिए मशीनों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. सरकार की ओर से दी गई एक जानकारी के मुताबिक जोशीमठ में असुरक्षित भवनों की संख्या बढ़कर 678 हो गई है. वहीं 27 और परिवारों से घर खाली कराए जा रहे हैं. अब तक 81 परिवारों को शिफ्ट किया जा चुका है. 


जिला प्रशासन ने क्या बताया
जिला प्रशासन की ओर से बताया गया कि, पहली बार भू-धंसाव की तकनीकी जांच कराई जाएगी. वहीं पानी रिसने तक किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य संभव नहीं है. इतना ही नहीं आपदा राहत मानकों में संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. वहीं जोशीमठ का अलग से एक मास्टर प्लान बनाया जाएगा. यही नहीं जिला प्रशासन की ओर से जोशीमठ में कंट्रोल रूम भी चालू कर दिया गया है.


 कांग्रेस ने सरकार पर बोला हमला
जोशीमठ में हर घंटे बिगड़ रहे हालात को लेकर कांग्रेस ने नौ जनवरी को  प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उत्तराखंड की धामी सरकार पर हमला बोला. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा और उत्तराखंड कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव ने जोशीमठ मामले को लेकर सरकार से कई मांगे की. इस दौरान कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि देवस्थल जोशीमठ में घर, मंदिर टूट रहे हैं और शिवलिंग में दरार आ गई है. पीएम नरेंद्र मोदी ने संज्ञान तब लिया जब सब कुछ टूट गया. इसके साथ ही कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यूपीए सरकार पर्यावरणविदों का संज्ञान लेती थी लेकिन मौजूदा सरकार ऐसा नहीं करती है. जोशीमठ में टाइम बम लगा हुआ है.


जोशीमठ के हालात पर खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नजर बनाए हुए हैं. शनिवार को सीएम धामी ने पूरे इलाके का हवाई और जमीनी सर्वेक्षण किया था. सीएम धामी ने यहां के लोगों से बात की और जमीनी स्तर पर हालात को समझा. जिसके बाद जोशीमठ में खतरे के जोन में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया जा रहा है.


Joshimath Sinking: एक-एक मिनट अहम, लोग घर छोड़ने को तैयार नहीं, पूछा- 'अपने घर जैसा सुकून कहां?'