Uttarakhand News: उत्तराखंड के चमोली (Chamoli) जिले में जोशीमठ के बाद अब कर्णप्रयाग (Karnprayag) क्षेत्र के मकानों में दरारें आनी शुरू हो गईं हैं. यहां अभी तक कुल 38 घरों में दरारें आ चुकी हैं. ये सभी दरारें बहुगुणानगर के घरों में आईं हैं. इस वजह से प्रशासन की चिंताएं बढ़ गईं हैं. कर्णप्रयाग में जमीन धंसने की वजह से मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. दरारों की वजह से अब कर्णप्रयाग पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे हैं. अब कर्णप्रयाग से भी लोगों को दूसरी जगहों पर शिफ्ट किया जा रहा है. इनमें कई घर तो बेहद खतरनाक स्थिति में आ गए हैं, क्योंकि उनमें दरारें बहुत बड़ी हो गईं हैं. बता दें कि जोशीमठ (Joshimath Sinking) पहले से ही एक बड़ी आपदा (Joshimath Disaster) का सामना कर रहा है. 

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अधिकारी ने क्या बतायाकर्णप्रयाग के तहसीलदार सुरेंद्र देव ने कहा, "इससे 38 परिवार प्रभावित हुए हैं, मकान खाली करने के बाद सभी प्रभावित परिवारों को नगर पालिका के रैन बसेरों और ITI कॉलेज की कक्षाओं में स्थानांतरित कर दिया गया है. इनमें से आठ परिवारों को जनवरी में शिफ्ट किया गया था." 

दरारें बढ़ने की आशंकावहीं कर्णप्रयाग के मकानों में दरार आने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं. लोगों में डर का माहौल है. आने वाले समय में दरारों और दरार वाले मकानों की संख्या और बढ़ने की आशंका है. जिला प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है. वहीं नैनीताल में भी सड़कों और पहाड़ों पर दरारों की खबरें सामने आईं हैं. जोशीमठ में राहत और पुनर्वास का काम युद्धस्तर पर चल रहा है. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि वहां पुनर्वास का काम 70 प्रतिशत पूरा हो चुका है. उन्होंने बताया था कि वहां कोई नई दरार नहीं पाई गई है और जल रिसाव भी कम हो गया है. वहीं राज्य सरकार का पूरा ध्यान लोगों की मदद करने पर है.

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