जिम कॉर्बेट में विदेशी सैलानियों के साथ गाइड का गैरज़िम्मेदाराना बर्ताव, तंबाकू ऑफर कर सो गया; जांच के आदेश
Nainital News: इस पोस्ट के साथ रतन ने गाइड की तस्वीर भी शेयर की, जो कुछ ही घंटों में वायरल हो गई. सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर देश-विदेश के पर्यटक और वन्यजीव प्रेमी गुस्सा जता रहे हैं.

देश के सबसे प्रसिद्ध नेशनल पार्क जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में एक गाइड की लापरवाही ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. कॉर्बेट के बिजरानी जोन में सफारी के दौरान एक गाइड ने विदेशी पर्यटकों को तंबाकू ऑफर कर दी और फिर सफारी के दौरान सो गया. यह मामला तब सामने आया जब एक पर्यटक रतन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर इसका खुलासा किया.
रतन ने अपनी पोस्ट में लिखा, “हमारे दिन के गाइड के पास देने के लिए बस एक चीज़ थी — तंबाकू. हमें उसे ज़मीन पर तंबाकू का पैकेट फेंकने से भी रोकना पड़ा. करीब एक घंटे तक वह सफारी के दौरान सोते रहे और जब जागे तो बोले - ‘हिरण का मांस बहुत स्वादिष्ट होता है.’ पार्क या वन्यजीव संरक्षण के बारे में उन्होंने एक शब्द नहीं कहा. यह बेहद शर्मनाक अनुभव था, खासकर जब हमारे साथ फ्रांस और अन्य देशों से आए मेहमान थे.”
पोस्ट वायरल उठ रहे सवाल
इस पोस्ट के साथ रतन ने गाइड की तस्वीर भी शेयर की, जो कुछ ही घंटों में वायरल हो गई. सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर देश-विदेश के पर्यटक और वन्यजीव प्रेमी गुस्सा जता रहे हैं. कई यूज़र्स ने लिखा कि ऐसी घटनाएं भारत की पर्यटन छवि को नुकसान पहुंचाती हैं. कुछ ने कहा कि अगर गाइड ही वन्यजीवों का महत्व नहीं समझते तो पर्यटक सही अनुभव कैसे पाएंगे?
कार्बेट प्रशासन ने शुरू की जांच
पोस्ट के वायरल होने के बाद कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन तुरंत हरकत में आया. रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आ चुका है और जांच के आदेश दे दिए गए हैं. बिजरानी रेंज के एसडीओ अमित ग्वासाकोटी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है. जांच पूरी होने तक संबंधित गाइड को पार्क से बाहर कर दिया गया है.
गाइड की योग्यता पर सवाल
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर गाइड्स के पेशेवर व्यवहार और प्रशिक्षण को लेकर बहस शुरू हो गई है. पर्यटन विशेषज्ञों का कहना है कि जिम कॉर्बेट जैसे अंतरराष्ट्रीय पहचान वाले पार्क में गाइड सिर्फ सफारी संचालक नहीं बल्कि भारत की वन्यजीव संस्कृति के प्रतिनिधि होते हैं. इसलिए उनके चयन और प्रशिक्षण की प्रक्रिया उच्च स्तर की होनी चाहिए.
यह घटना एक बार फिर यह सवाल उठाती है कि क्या हम अपनी प्राकृतिक धरोहर और पर्यटकों के अनुभव को लेकर वाकई गंभीर हैं? जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क न केवल भारत का गौरव है, बल्कि वह देश की संवेदनशीलता, संस्कृति और जिम्मेदारी का प्रतीक भी है, जिसे हर पर्यटक के सामने गर्व से प्रस्तुत किया जाना चाहिए.
Source: IOCL





















