झांसी में एक बुजुर्ग को सांप ने 13 बार काटा है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि हर बार वह जिंदा बच जाते हैं. गांव के लोग इसे चमत्कार मान रहे हैं. मामला झांसी ज़िले के एक छोटे से गांव पट्टी कुमर्रा से सामने आया है. यहां रहने वाले बुजुर्ग सीताराम अहिरवार के साथ कुछ ऐसा ही हो रहा है.
बताया गया कि पिछले 39 सालों से, हर तीन साल में एक काला सांप आता है और उन्हें डसकर चला जाता है. हैरानी की बात ये है कि आज तक 13 बार डसे जाने के बावजूद सीताराम हर बार बच निकले हैं. सीताराम अहिरवार की उम्र अब 70 साल है. वो झांसी जिले के चिरगांव थाना क्षेत्र के पट्टी कुमर्रा गांव के रहने वाले हैं.
39 साल पहले पहली बार डसा था सांप
दरअसल, यह कहानी आज से करीब 39 साल पहले शुरू होती है, जब वो खेत में काम कर रहे थे. तभी एक काले रंग के सांप ने उन्हें डस लिया. गांववाले घबराए, उन्हें तुरंत पास के खेरापति हनुमान मंदिर ले जाया गया. वहां झाड़-फूंक हुई और कुछ ही घंटों में उनकी हालत सुधर गई. उस समय लोगों ने इसे चमत्कार समझा, लेकिन असली हैरानी तब शुरू हुई जब हर तीसरे साल वही घटना दोहराई जाने लगी.
सपने चेतावनी देता है सांप
गांव वालों का दावा है कि हर तीसरे साल, भादों का महीना शुरू होते ही सीताराम को सपने में एक सांप दिखता है. सपने में सांप उन्हें चेतावनी देता है, और फिर दो दिन के भीतर आकर डस लेता है. अब तक ये चक्र 13 बार दोहराया जा चुका है और हर बार, डसने के बाद सीताराम की जान बच जाती है. गांव में ये बात अब चर्चा का विषय बन चुकी है. कुछ लोग इसे श्राप मानते हैं, तो कुछ इसे पूर्वजन्म की कोई कथा.
ग्रामीणों का दावा- हर बार आता है वही सांप
गांव के एक बुजुर्ग रामपाल बताते हैं हमने अपनी आंखों से देखा है. हर बार वही सांप आता है, लेकिन किसी और को कुछ नहीं कहता. वो सीधा सीताराम काका को डसता है, और फिर चला जाता है. वहीं गांव की एक महिला कहती हैं पहले तो डर लगता था… लेकिन अब तो हम खुद हैरान हैं कि ये कैसे जिंदा बच जाते हैं. ये भगवान की कृपा है या कोई रहस्य कुछ समझ नहीं आता.
असमंजस में हैं डॉक्टर
वहीं स्थानीय डॉक्टर भी इस बात को लेकर असमंजस में हैं, क्योंकि अब तक कोई मेडिकल रिकॉर्ड ऐसा नहीं मिला है जो इस घटना को साफ-साफ समझा सके. गांव के कुछ लोगों का मानना है कि ये घटना किसी पूर्वजन्म के कर्मों से जुड़ी हो सकती है. कुछ इसे ईश्वरीय चेतावनी मानते हैं. सीताराम खुद इस बारे में ज्यादा बात नहीं करते हैं.