उत्तर प्रदेश के झांसी जिले की एक अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य समेत 14 लोगों को दो साल की सजा सुनाई है. ये सभी 12 साल पहले बिजली की परेशानी को लेकर सड़क जाम करने से संबंधी आरोपों के तहत दोषी पाए गए. जिसके बाद कोर्ट ने ये सजा सुनाई.
अभियोजन पक्ष ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी दी. हालांकि देर शाम सभी को अपील के लिए एक माह का समय देते हुए निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया. इस संबंध में जैन के अधिवक्ता द्वारा विवेचना संबंधी विषमताओं को लेकर सजा के खिलाफ अपील किए जाने की बात कही गई है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री को दो साल की सजा
अपर मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट (प्रथम) एवं विशेष न्यायाधीश सांसद-विधायक अदालत अनिल कुमार (सप्तम) ने पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री प्रदीप जैन आदित्य सहित 14 लोगों को दोषी करार देते हुए कुल दो वर्ष कारावास की सजा सुनाई.
दरअसल ये मामला 12 साल पुराना है. जब बुंदेलखंड में विद्युत कटौती को लेकर झांसी एवं ललितपुर जिला कांग्रेस द्वारा 11 जून 2013 को पारीछा थर्मल पावर के निकट दयानंद स्टेडियम में धरना प्रदर्शन की अनुमति ली गई थी.
सड़क जाम करने के मामले में सुनाई सजा
तत्कालीन थाना बड़ागांव प्रभारी हातिम सिंह के अनुसार सुबह करीब 11 बजे शुरू हुए धरना प्रदर्शन के बाद करीब 3:45 बजे पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री प्रदीप जैन आदित्य के इशारे पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं द्वारा पारीछा थर्मल पावर के सामने स्थित झांसी कानपुर राजमार्ग पर जाम लगा दिया गया.
इस दौरान कई किलोमीटर तक वाहन रुक जाने से यातायात अस्त-व्यस्त हो गया था. जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. इस मामले में पुलिस ने जैन समेत 14 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की और विवेचना पूरी कर अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया.
इस मामले की 12 साल तक सुनवाई चली. कोर्ट ने दोनों पक्षों के सुनने के बाद शुक्रवार को पूर्व मंत्री को दोषी पाया और दो साल की सजा सुनाई.