UP News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से गुरुवार को झांसी जिले के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की. किसानों ने बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) के लिए चिन्हित 36 गांवों को सर्किल रेट (सरकारी मूल्य) से बाहर किए जाने की शिकायत की और सर्किल रेट बढ़ाने की मांग की.

किसानों ने बताया कि झांसी जिले के बबीना विधानसभा क्षेत्र की सदर तहसील के 36 गांवों को बीडा प्रोजेक्ट के लिए चिह्नित किया गया है, लेकिन वर्ष 2023 में जब सर्किल रेट में 20 फीसदी की बढ़ोतरी की गई, तब इन गांवों को सर्किल रेट की सूची से बाहर कर दिया गया. इतना ही नहीं, 19 सितंबर 2023 से इनमें से सात और गांवों को सूची से हटा दिया गया, जिनमें परवई, पलिंदा, पाली, पहाड़ी, सिजवाहा, सफा, मथूवपुर और रक्सा शामिल हैं. किसानों ने आरोप लगाया कि भाजपा के वर्तमान सांसद अनुराग शर्मा की जमीन इन गांवों में है, इसलिए इन्हें सर्किल रेट से बाहर कर दिया गया.

किसानों ने मांग की कि जिन 33 गांवों की जमीन अब भी सर्किल रेट से बाहर है, वहां 2015 से अब तक कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. किसानों का कहना है कि आबादी से कम से कम एक किलोमीटर जमीन छोड़ दी जाए ताकि लोगों के घर सुरक्षित रहें. साथ ही कुएं, सड़क और दूसरी संपत्तियों को भी दर्ज किया जाए. किसानों ने यह भी कहा कि प्लॉट टू प्लॉट सर्वे कराया जाए और श्रेणी-3 की जमीन का मुआवजा दिया जाए. किसानों की मांग है कि बीडा की नियमावली में इन सुझावों को शामिल किया जाए और जिन किसानों की 100 फीसदी जमीन ली जा रही है, उन्हें भूखंड के रूप में कुछ जमीन वापस दी जाए.

प्रतिनिधिमंडल ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ गांवों में जातिगत भेदभाव हो रहा है. उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सारमऊ गांव में सर्किल रेट अन्य गांवों की तुलना में तीन गुना अधिक है. किसानों ने बताया कि पहले जिन किसानों ने रजिस्ट्री कराई थी, उनसे बाद में दोबारा रजिस्ट्री कराई गई और फिर उनकी संपत्ति की रकम काट ली गई. जब किसान अपनी बात कहने प्रशासन के पास जाते हैं तो उन्हें डराया-धमकाया जाता है.

सपा झांसी जिलाध्यक्ष बिजेंद्र सिंह भोजला भी थे किसानों के साथ

इस प्रतिनिधिमंडल में अखिलेश यादव के साथ अभिषेक यादव, मोहित, चंद्रपाल सिंह यादव, श्रीराम, मुकुंद सिंह, प्रदीप यादव, सतवीर यादव, सुनील कुमार, मुन्ना लाल, मनोज कुमार, अजब सिंह, संजू संग्राम सिंह (प्रधान बमेर), रिपुदमन सिंह यादव (बाजना), जितेन्द्र प्रधान, मुकेश प्रधान, राघवेंद्र प्रधान और सपा झांसी जिलाध्यक्ष बिजेंद्र सिंह भोजला शामिल रहे.

भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामलों में किसान जताते रहे हैं नाराजगी

बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) योजना का मकसद बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगिक ढांचा खड़ा कर स्थानीय लोगों को रोजगार देना है. लेकिन भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामलों में किसान कई बार मुआवजे और सर्किल रेट को लेकर नाराजगी जताते रहे हैं. झांसी के कई गांवों में किसानों को यह महसूस हो रहा है कि बिना उचित मुआवजा दिए उनकी जमीनें ली जा रही हैं. समाजवादी पार्टी इस मुद्दे को पहले भी सदन और सड़कों पर उठा चुकी है.

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