उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित झांसी स्टेशन पर रविवार (30 नवंबर 2025) देर रात एक मामूली सीट विवाद ने बड़ा रूप ले लिया. हीराकुंड एक्सप्रेस में सफर कर रहे यात्रियों के बीच सीट को लेकर झगड़ा इतना बढ़ गया कि एक यात्री ने तीन मुस्लिम यात्रियों पर आतंकवादी होने का आरोप लगा दिया. अचानक आए इस दावे से रेलवे सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया और पूरे मामले ने टेरर अलर्ट का रूप ले लिया.
इसकी जानकारी मिलते ही आरपीएफ व जीआरपी हरकत में आ गए. ट्रेन को झांसी स्टेशन पर रोककर संबंधित कोच की तलाशी ली गई. संदिग्ध बताए गए यात्रियों समेत कई लोगों की पूछताछ की गई. यात्रियों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया और कुछ देर तक प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा घेरा बना रहा.
अधिकारियों की जांच में झूठा निकला आरोप
पूरी तलाशी और पूछताछ के बाद अधिकारियों ने साफ कर दिया कि आरोप पूरी तरह झूठा और आधारहीन था. जिन यात्रियों को आतंकवादी बताया गया था, वे सामान्य यात्री निकले. न उनके पास कोई संदिग्ध सामान मिला, न कोई गतिविधि संदिग्ध पाई गई.
जांच में सामने आया कि कोच में सीट को लेकर दो पक्षों के बीच कहासुनी हुई थी. इसी दौरान एक यात्री ने गुस्से में आकर झूठा दावा कर दिया कि विवाद करने वाले यात्री आतंकवादी हैं. इसी सूचना ने पूरे सिस्टम को अलर्ट कर दिया. झूठी सूचना से रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई.
आरपीएफ अधिकारियों ने क्या कहा?
RPF अधिकारियों के अनुसार, झूठा टेरर अलर्ट फैलाना गंभीर अपराध है. संबंधित यात्री पर नियमों के तहत कार्रवाई की जा सकती है. करीब एक घंटे की तलाशी और पूछताछ के बाद स्थिति सामान्य हुई और ट्रेन को आगे के लिए रवाना कर दिया गया. यात्रियों ने राहत की सांस ली लेकिन घटना ने रेलवे सुरक्षा तंत्र को घंटों तक उलझाए रखा.
ये भी पढ़ें: अमेठी में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका, जिलाध्यक्ष समेत 20 पदाधिकारियों ने दिया सामूहिक इस्तीफा