उत्तर प्रदेश के जौनपुर जनपद में नगर कोतवाली पुलिस ने कथित तौर पर कोडीन सिरप के अवैध कारोबार में शामिल 12 मेडिकल स्टोर संचालकों और दो अन्य लोगों (पिता-पुत्र) के खिलाफ FIR की है. एसपी डॉ. कौस्तुभ ने पूरे मामले की जांच के लिए विशेष कार्य बल (एसआईटी) का गठन किया है.

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एसपी सिटी आयुष श्रीवास्तव ने बताया कि औषधि निरीक्षक रजत कुमार पांडेय की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने 12 मेडिकल स्टोर मालिकों व वाराणसी निवासी सरगना शुभम जायसवाल और उसके पिता भोला प्रसाद के विरुद्ध धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र आदि धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है.

उन्होंने बताया कि औषधि विभाग की जांच में खुलासा हुआ है कि 12 से अधिक मेडिकल स्टोर से 37 लाख कफ सिरप की शीशियों का कारोबार किया गया, जिनका मूल्य 57 करोड़ रुपये है.

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खपत अन्य राज्यों में और पूर्ति यूपी में दिखाई

इस कोडीनयुक्त कफ सिरप की कूटरचित दस्तावेजों के जरिए अवैध आपूर्ति कागजों पर दिखाई गई है. कागजों में यह आपूर्ति जौनपुर से वाराणसी, आजमगढ़, गाजीपुर और प्रतापगढ़ तक दिखाई गई, लेकिन हकीकत में इनकी खपत बिहार, रांची और पश्चिम बंगाल जैसे क्षेत्रों में हुई.

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सभी 37 लाख बोतलें रांची की मेसर्स शैली ट्रेडर्स कम्पनी से मंगाई गईं और फर्जी बिलों के जरिए कई जिलों में खपाई गई.

गाजियाबाद में अवैध ट्रक पकडे जाने से हुआ पूरे खेल का खुलासा

उन्होंने कहा कि कोडीन युक्त सिरप की अवैध रूप से बिक्री करने का मामला तब पकड़ में आया जब गत दिनों गाजियाबाद में इस सिरप का एक अवैध ट्रक पकड़ा गया था. उस ट्रक का संबंध वाराणसी के जरिये जौनपुर से जुड़ा तो यहां खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग ने 12 से 19 नवंबर तक अभियान चलाया.

अभियान के दौरान इस काले कारोबार की परतें खुलती चली गईं. जांच में सामने आया कि जौनपुर के इन 12 मेडिकल स्टोर मालिकों ने मिलकर कागजों पर कफ सिरप की खरीदी-बिक्री का खेल करके करोड़ों रुपये की हेराफेरी की.

असल में ये दवाएं नशे के अवैध बाजार में मोटे दामों पर बेची जाती थीं. इस गिरोह में वाराणसी के शुभम जायसवाल और उनके पिता भोला जायसवाल का नाम सामने आया है, जिन्हें जौनपुर पुलिस ने आरोपी बनाया है.

एसआईटी ने शुरू की जांच

एसपी सिटी श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले में सभी आरोपियों की गिरफ्तारी होगी. गहनता से जांच करके गड़बड़ी पकड़ने वाले रजत कुमार पांडेय ने बताया कि जौनपुर के पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में एसपी(नगर) के नेतृत्व में तीन सदस्यीय एसआइटी का गठन किया है, जो इस मामले की जांच करके इसमें संलिप्त लोगों की पहचान करने के साथ उन्हें गिरफ्तार करेगी.