Colonel Sofia Qureshi: कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान देने वाले मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह के खिलाफ जमीयत उलेमा ए हिन्द भी खुलकर सामने आ गयी है. जमीयत उलेमा ए हिन्द यूपी के क़ानूनी सलाहकार मौलाना काब रशीदी ने कहा की भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्णी करने वाले मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह को तत्काल बर्खास्त कर देशद्रोह के आरोप में जेल में डाल देना चाहिए.
मोलाना काब रशीदी ने भाजपा पर सवाल उठाते हुआ कहा कि अब कहाँ है आपका बुलडोज़र ? जो कल तक देश के मुसलमानों को डसते थे. अब वो विदेश सचिव और सेना को डस रहे हैं, प्रधानमंत्री कार्यालय क्यूँ खामोश है. हमारे प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री क्यों नहीं बोल रहे ? देश की राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए राजनीतिक हितों को नहीं देखना चाहिए. इसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए. उस मंत्री को तो बर्खास्त कर जेल में डालें.
योजनाबद्ध तरीके से मुसलामानों से किया जा रहा बदनाम
मौलाना काब रशीदी ने कहा कि देश में मानसिक रोगियों का एक ऐसा टोला है, जो मुसलमानों को गालियाँ देते देते अब देश को गाली देने लगा है ये वो लोग हैं, जिन्हें यह सिखाया जाता है की ये मुसलमानों के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से ज़हर फैलाएं और आग उगलें. आज ऐसे समय में जब भारत पाकिस्तान का युद्ध हुआ है और पूरा देश एक जुट है. जम्मू कश्मीर तक के लोग तिरंगे की आन बान शान के लिए एक साथ लाल चौक पर खड़े हैं और कर्नल सोफिया कुरैशी जिसने सबसे पहले देश को जानकारी दी थी और जो महिला देश का स्वभिमान बढ़ाने वाली है, उनके बारे में इस तरह का आपत्तिजनक बयान देने वाले को अभी तक कैबनेट मंत्री पद से बर्खास्त नहीं किया गया और उसे गिरफ्तार नहीं किया गया. गाँधी के देश में इस से शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता.
हाईकोर्ट की टिपण्णी की भी परवाह नहीं
माननीय हाईकोर्ट ने जिस तरह टिप्णी की है अगर दो प्रतिशत भी हया होती तो वह मंत्री अपने राजनीतिक जीवन को छोड़ चुका होता. लेकिन जब मानसिकता ही ऐसी है हाईकोर्ट के आदेश पर मुकदमा हुआ है. लेकिन गिरफ़्तारी अभी तक नहीं हुई. क्या यह राष्ट्रद्रोह नहीं है? अब कहाँ गया आपका बुलडोज़र ? आप अपने आप नफरत पैदा कर रहे हो, क्या प्रधानमंत्री ने नहीं कहा था की पहलगाम का हमला देश के अंदर साम्प्रदायिक दंगे भड़काने का प्रयास था और आप भी वही काम कर रहे हो. एक तरफ कर्नल सोफिया को गाली दे रहे हो और दूसरी तरफ विदेश सचिव विक्रम मिसरी पर अभद्र टिप्णी कर रहे हो और उन्हें अपना ट्विटर बंद करना पड़ गया. क्या ये देशद्रोह नहीं है.
नफरत अब अधिकारियों तक पहुँच गयी
कल तक जो भारत के मुसलमानों को डसते थे आज वह भारत के विदेश सचिव और सेना को डस रहे हैं और पुरा प्रधानमंत्री कार्यालय खामोश है. प्रधानमंत्री कुछ नहीं बोल रहे हैं. विदेश मंत्री कुछ नहीं बोल रहे, आपको तो ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ एक्शन लेना चाहिए. क्या ये देश हित के खिलाफ नहीं है क्या ये देश की नीव की बुनियाद को कमज़ोर नहीं कर रहा? भारत के एक एक हिन्दू और मुसलमान ने देश की सेना का साथ दिया है और पूरा देश फ़ौज का हौंसला बढ़ाता रहा और सबसे अधिक कीमत इसकी कश्मीर के लोगो ने चुकाई है. पूंछ में हमारे एक मदरसे पर हमला हुआ जिसमे कारी साहब की मौत हो गयी और कुछ तथाकथित मीडिया वालों ने उन्हें आतंकवादी के रूप में दिखाया और जब हंगामा हुआ तो आपने माफ़ी मांग ली. कश्मीर में मस्जिदों मदरसों पर हमले हुए जिसमे हमारे तीन छात्र घायल हुए आज देश का हर नागरिक देश के साथ खड़ा हुआ है. देश की राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए राजनीतिक हितों को नहीं देखना चाहिए इसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए. उस मंत्री को तो बर्खास्त कर जेल में डालें.