राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के संस्थापक डॉ. हेडगेवार को मुस्लिम संगठन ने भारत रत्न देने की मांग उठाई है. इसके लिए जमीअत हिमायतुल इस्लाम संगठन ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है. पत्र में संगठन ने संस्थापक को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न देने की मांग की है. 

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जमीअत इस्लाम संगठन की तरफ से की गई इस मांग की हर तरफ चर्चा हो रही है. यह मांग मौलाना अबरार जमाल ने की है. उनका कहना है कि डॉ. हेडगेवार ने भारत के सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्र के निर्माण के लिए अपना बेहद जरूरी योगदान दिया है. 

क्या बोले कारी अबरार जमाल?

इस मांग के बाद एबीपी लाइव ने कारी अबरार जमाल से बात की है. इस दौरान मौलाना ने कहा- डॉ. हेडगवार ने आज से सौ साल पहले जो पौधा लगाया था, वह आज सौ साल बाद भी फल-फूल रहा है. जिससे पूरे देश को उसका फायदा पहुंच रहा है. उन्होंने आगे कहा कि, हजारों संघ के कार्यकर्ता हेडगेवार के बताए रास्ते पर चलकर उनसे प्रेरणा लेते हुए आज देश की सेवा कर रहे हैं. 

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कारी अबरार जमाल का कहना है कि इसी वजह से हमने संघ संस्थापक को भारत रत्न दिए जाने की मांग की है. अबरार ने बताया कि आज पूरे देश में शांति की बात करने वाला, आपसी इत्तेफाक-ए-इत्तेहाद की बात करने में सबसे पहले नंबर पर आरएसएस है. 

मोहन भागवत के बयान का किया जिक्र

जहां लोग हिंदू-मुस्लिम विवाद की बात करते हैं, वहां आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा था कि हिंदुओं को हर मस्जिद में शिवलिंग नहीं ढूंढना चाहिए. इसी के साथ कुछ दिन पहले मोहन भागवत ने यह भी कहा था कि इस्लाम पहले दिन से भारत में आया था और भारत में रहेगा.

कारी अबरार का कहना है कि ऐसे माहौल में शांति की बात करने वाला, प्यार मोहब्बत की बात करने वाला, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इतना बड़ा संगठन, ऐसे संगठन की जिस व्यक्ति ने बुनियाद डाली हो, तो क्यों न उसे भारत रत्न दिया जाना चाहिए. 

अबरार जमाल ने पीएम मोदी को लिखा पत्र 

कारी अबरार ने बताया कि उन्होंने जमीअत हिमायतुल इस्लाम का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते पीएम मोदी को पत्र लिखा है. वहीं उनका कहना है कि मुझे उम्मीद है प्रधानमंत्री इस पर सकारात्मक निर्णय लेंगे और हम सभी को जल्द खुशखबरी भी मिलेगी. 

इसके साथ ही कारी अबरार ने कहा कि, मुझे लगता है आज आरएसएस चाहता है कि देश का हर नागरिक एकजुटता के साथ, भाईचारे के साथ, अपने राष्ट्र के साथ खड़े होकर भारत को विकसित भारत बनाने में अपना योगदान दे.