Jalaun DM Priyanka Niranjan Work for Right to Education: शिक्षा का अधिकार (Right to Education) सबको मिल सके इसके लिए डीएम जालौन प्रियंका निरंजन (Priyanka Niranjan) भरपूर प्रयास कर रही हैं. इसी के तहत बुधवार को उन्होंने 25 ऐसे बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया जो कभी स्कूल (School) ही नहीं गए. डीएम ने बच्चों को किताबें, बैग और पुस्तकें भी उपलब्ध करवाईं. ये नजारा देख बच्चों के परिजनों ने डीएम के गले में फूल माला डालकर उनके इस नेक काम का स्वागत किया.

गरीबी ने शिक्षा से किया दूरबता दें कि, पूरा मामला जालौन के मुख्यालय उरई का हैं जहां चौरासी गांव में रहने वाले लौहा पीटा समाज के कई परिवार अपनी जिंदगी बसर कर रहे हैं. ये परिवार अपनी आजीविका को अर्जित करने के लिए मजदूरी करते हैं और खुले आसमान के नीचे रात बिताते हैं. गरीबी के चलते ये परिवार अपने बच्चों को किसी कॉन्वेंट स्कूल में शिक्षा के लिए नहीं भेज सकते और ना ही मोटी फीस  भर सकते हैं. इसी वजह से इनके परिवारों की कई पीढ़ियां शिक्षा से दूर होती चली गईं. 

खुश नजर आए परिजनसमाज में यही बदलाब लाने के लिए और शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए डीएम जालौन प्रियंका निरंजन ने इन परिवारों के 25 बच्चों का उच्च प्राथमिक सरकारी स्कूल सरसौखी में दाखिला कराया है. हालांकि, पहली दफा ऐसा हुआ जब जिले के किसी वरिष्ठ अधिकारी ने उनकी सुध ली है. डीएम के इस प्यार को देखते हुए बच्चों के परिजनों ने फूल माला डालकर उनका स्वागत करते हुए अपनी बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना की.

परिवारों को किया जा रहा है जागरूक वहीं, डीएम जालौन प्रियंका निरंजन ने बताया कि जालौन के डकोर ब्लाक में घुमंतू समुदाय के 25 बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाया गया है. इन परिवारों के बच्चों को उचित शिक्षा नहीं मिल पा रही थी, इसलिए इन परिवारों के बच्चों को प्रवेश दिलाया गया है. साथ ही उनके परिवारों को भी जागरूक किया गया है कि वो उनके बच्चों को निरंतर स्कूल भेजें.

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