यूपी में अवैध धर्मांतरण मामले में छांगुर और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन से लगातार पूछताछ की जा रही है. दोनों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. इस बीच प्रवर्तन निदेशालय की टीम बलरामपुर पहुंच गई है. बलरामपुर के उतरौला के कई इलाकों में 12 ठिकानों पर ED की छापेमारी हो रही है. बीते 6 घंटे से ED की छापेमारी जारी है. छांगुर और उसके सहयोगियों के बिल्डिंग में ED ने डेराडाल रखा है. बिल्डिंग को चारों तरफ से पैरा मिलिट्री फोर्स तैनात है.

दूसरी ओर नसरीन और छांगुर से हुई पूछताछ के दौरान सामने आई बातों से सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं वहीं कई सवाल ऐसे भी जिनका यूपी एटीएस को जवाब नहीं मिल पाया है. ऐसे में यूपी एटीएस अब छांगुर और नसरीन का नार्कों और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की तैयारी कर रही है. सूत्रों के मुताबिक एटीएस को शक है कि दोनों कई बड़े राज छुपा रहे हैं जिनका खुलासा नार्कों टेस्ट से हो सकता है. 

धर्मांतरण रैकेट मामले में कई राज खुलने बाकी, अब UP ATS ने छांगुर और नसरीन पर ले सकती है बड़ा फैसला

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक छांगुर बाबा और उसकी साथी नसरीन से और गहराई से सच उगलवाने के लिए यूपी एटीएस अब पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट की तैयारी कर रही है. दोनों से पूछताछ में अब कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं लेकिन अब भी कई ऐसे सवाल हैं जो अनसुलझे हैं, जिनका जवाब नहीं मिल पाया है. सूत्रों ने बताया कि छांगुर, नसरीन और नवीन से पूछताछ में मिली कुछ जानकारियां भ्रमित करने जैसी हैं. जिसके बाद इनके नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की तैयारी है. 

छांगुर से पूछताछ में कई बड़े खुलासेयूपी एटीएस की जांच में छांगुर को लेकर कई बड़े खुलासे हो रहे हैं, छांगुर पर दर्ज एफआईआर में उसका आतंकी कनेक्शन होने का भी दावा किया गया है. एफआईआर में छांगुर द्वारा आतंकी कैंप चलाने की बात है, वो नेपाल सीमा से सटे गांवों में धर्मांतरण का अड्डा खोलना चाहता था और युवाओं को चिन्हित कर उन्हें पैसे देकर अपने साथ जोड़ता था. छांगुर हिन्दू लड़कियों को प्रलोभन देकर उनका धर्मांतरण कराता था, इसके लिए उसने अलग-अलग वर्गों की लड़कियों के धर्मांतरण के लिए अलग-अलग रेट लिस्ट भी रखी थी. 

छांगुर ज्यादा से ज्यादा धर्मांतरण कर देश में हिन्दू आबादी घटाकर मुस्लिम आबादी को बढ़ाना चाहता था. उसका सपना भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाकर यहां शरिया लागू करना था. इस मामले में कुछ बडे़ अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आई है. यूपी एटीएस ने चार ऐसे अफसरों को चिन्हित किया है जो छांगुर के मदद थे. ये अधिकारी साल 2019 से 2024 के बीच बलराम में तैनात रहे. इनमें डीएम, दो सीओ और एक इंस्पेक्टर का नाम सामने आया है जो उसके एक इशारे पर काम करते थे. सुरक्षा एजेंसियां अब इन अधिकारियों की भूमिका को लेकर भी पुख्ता सबूत जुटाने में लगी हैं.