Maha Kumbh 2025: उत्तर प्रदेश स्थित प्रयागराज महाकुंभ में 27 जनवरी को धर्म संसद का आयोजन हुआ था. इस धर्म संसद में संतों, महंतों और धर्माचार्यों की प्रमुख मांग थी कि वक्फ बोर्ड की तरह ही सनातन बोर्ड का गठन किया गया. कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर की अगुवाई में संपन्न हुए इस आयोजन में सभी ने बोर्ड की मांग पर जोर दिया और एक प्रारूप पर भी सहमति जताई. अब जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने इसके पीछे की वजह भी बताई है.
एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा है कि सनातन बोर्ड की जरुरत नहीं है. उन्होंने कहा कि सनातन बोर्ड तो अनादिकाल से काम कर रहा है. रामभद्राचार्य ने कहा कि, महाकुंभ का पर्व 144 वर्ष के बाद ऐसी योग में लगा है, इसमें सभी हिंदू आएं, अमृत स्नान करें और सबके मन में सात्विकता हो और सबमें अमृत्व आए. रामभद्राचार्य ने हिंदुओं के जगाने की बात दोहराई है. कहा कि 'सनातन विरोधियों का पराभव हो, अब हिंदुओं को सोने की आवश्यकता नहीं है.'
"अधिकार के लिए संघर्ष नहीं करते हिंदू"रामभद्राचार्य ने कहा है कि, "हिंदू अपने अधिकार के लिए उचित संघर्ष नहीं करते हैं, अपने अधिकार के लिए हमें संघर्ष करना होगा." उन्होंने दिनकर की पंक्ति का जिक्र किया. कहा कि, "अब याचना नहीं रण होगा, संग्राम महाभीषण होगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि, ये रण विधर्मियों के खिलाफ होगा. उन्होंने भारत विरोधी, राष्ट्र विरोधी, हिंदू विरोधी और सनातन विरोधियों को विधर्मी बताया है. मौनी अमवस्या पर करोड़ों की संख्या में लोग महाकुंभ स्नान के लिए पहुंचेंगे. हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या पर स्नान-दान का विशेष महत्व बताया गया है. इसके लिए प्रयागराज में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. अब तक करोड़ों लोग संगम में डुबकी लगा चुके हैं.
संगम में अखिलेश यादव की 11 डुबकी पर सीएम योगी आदित्यनाथ की पहली प्रतिक्रिया, कही ये बड़ी बात