नई दिल्ली, एबीपी गंगा। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) अपने मुल्क में नकली भारतीय नोटों की छपाई करवा रही है। आईएसआई के इस गोरख धंधे को पाकिस्तानी दूतावास का भी समर्थन प्राप्त है। पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारी इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, भारतीय करेंसी दो हजार के नोट कराची में एक हाई सुरक्षा वाली प्रिटिंग प्रेस में छपवा रही है और डी कंपनी इसके वितरकों में से एक है।

नेपाल के काठमांडू स्थित पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारी इन नोटों के वितरक के लिए लगातार दाऊद इब्राहिम के गुर्गों के संपर्क में है। इसी सिलसिले में अभी हाल ही में नेपाल पुलिस ने दाऊद के एक गुर्गे यूनुस अंसारी को गिरफ्तार किया है। युनूस काठमांडू में पाकिस्तानी दूतावास से सटे चक्रपथ क्षेत्र में एक छोटा होटल चलाता था।

बताया जाता है कि अंसारी बंधु यूनुस और नसीम का पाकिस्तानी दूतावास में नियमित आना जाना था। कराची से आया यूनुस ने अपनी पहचान छिपाने के लिए पासपोर्ट पर कतर का स्टैंप लगवा रखा था। त्रिभुवन एयरपोर्ट से गिरफ्तारी के दौरान यूनुस और तीन सहयोगी पाकिस्तान नागरिकों के पास से पुलिस ने 7.67 करोड़ के नकली नोट भी बरामद किए थे। सूत्रों के मुताबिक, नकली नोटों की खेप समुद्री रास्ते के जरिए बांग्लादेश पहुंचाए जाती है।

समाचार एजेंसी के मुताबिक, यूनुस को पुलिस ने जेल में जाल दिया है, बिहार से लगे नेपाल के तराई क्षेत्र स्थित बीरगंज का एक स्थानीय नेता बसरुद्दीन अंसारी भी डी कंपनी के संपर्क में है।