हरिद्वार, एजेंसी। उत्तराखंड के विकास के लिये राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को दो दिवसीय औद्योगिक सम्मेलन का उद्धाटन किया। उन्होंने उद्योगपतियों से आह्वाहन किया कि वे पहाड़ के लिये अपने नये विचार लाएं। यहां बीएचईएल में भारतीय औद्योगिक परिसंघ और उत्तराखण्ड उद्योग द्वारा आयोजित दो दिवसीय औद्योगिक शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि अभी तक उत्तराखंड में पहाड़ी क्षेत्र के लिए 40 हजार करोड़ रूपये से अधिक के एमओयू पर निवेशकों द्वारा हस्ताक्षर किये जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि निवेशकों ने राज्य का उत्साह बढाया है और वे पहाड़ों में भी उद्योग लगाने के लिए उत्साहित दिख रहे हैं । मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के वन क्षेत्र का 27 प्रतिशत क्षेत्र चीड़ वृक्ष से आच्छादित है जिससे विभिन्न प्रकार के उत्पाद बन रहे हैं।
उन्होंने कहा, ' राज्य के संतुलित विकास के लिए आवश्यक है कि पर्वतीय क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिले। राज्य सरकार इस दिशा में हर संभव प्रयास कर रही है। उद्यमी भी पहाड़ के लिए अपने विशेष और नये आइडिया से पहाड़ और मैदान के विकास को संतुलन प्रदान करने में सहभागी बनें ।' रावत ने कहा कि हमारा प्रयास पहाड़ी क्षेत्र की प्रति व्यक्ति आय बढाकर मैदान और पर्वतीय जिलों की आय विषमता को दूर करना है।
उन्होंने कहा कि पर्यटन को इसी क्रम में उद्योग का दर्जा दिया गया है, एमएसएमई में जिलाधिकारियों को निवर्तन अधिकार दिये गये हैं ताकि छोटे उद्यमियों को देहरादून के लिए भागना न पड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति उद्योगों के लिए अत्यधिक अनुकूल है और राज्य में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए ’निवेश संवर्द्धन एवं सुविधा केंद्र’ बने हैं ।