26 दिसंबर से भारतीय रेलवे ने रेल किराया में प्रति किलोमीटर पैसे के हिसाब से बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है. इसी विषय को लेकर एबीपी लाइव ने वाराणसी रेलवे स्टेशन पर मौजूद यात्रियों से बातचीत की. यात्रियों का कहना है कि वह नियमित तौर पर ट्रेनों से सफर करते हैं और कितना भी किराया बढ़ोतरी कर ली जाए, लेकिन जरूरत है रेलवे को व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की.
बेसिक सुविधाओं की कमी
आज भी अनेक ऐसी बेसिक बातें हैं जिसकी वजह से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. किराया बढ़ोतरी से जरूर प्रभाव पड़ेगा, लेकिन यह हमारे लिए उतना मायने नहीं रखता है. बहुत आवश्यक है कि यात्रियों के समय का ध्यान दिया जाए. उनको ट्रेनों के टाइमिंग से संबंधित सही जानकारी दी जाए.
भारतीय रेलवे ने घोषणा की है कि 26 दिसंबर से लंबी दूरी की ट्रेनों में टिकट का किराया बढ़ जाएगा. इस बदलाव से रेलवे को लगभग 600 करोड़ रुपये अतिरिक्त कमाई होने की उम्मीद है. हालांकि, दिल्ली, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, हरिद्वार और पास के कुछ शहरों में किराया नहीं बढ़ाया जाएगा. 215 किलोमीटर से ज्यादा यात्रा करने वाले यात्रियों को प्रति किलोमीटर 1 पैसा और मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों की नॉन-एसी और एसी श्रेणियों में 2 पैसे प्रति किलोमीटर ज्यादा देना होगा. उदाहरण के लिए, 500 किलोमीटर की नॉन-एसी यात्रा पर सिर्फ 10 रुपये का अतिरिक्त खर्च होगा.
यात्रियों की राय और सुझाव
वाराणसी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों ने कहा कि किराया बढ़ने से थोड़ा ज्यादा खर्च होगा, लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा चिंता रेलवे की बुनियादी सुविधाओं और समय की पाबंदी की है. यात्रियों ने सुझाव दिया कि सफाई, पानी, और ट्रेन की समय पर पहुंच सुनिश्चित की जाए. साथ ही, उन्हें ट्रेन की सही टाइमिंग की जानकारी आसानी से मिलनी चाहिए ताकि लंबी दूरी की यात्राएं आरामदायक और परेशानी रहित हों.
215 किलोमीटर से कम दूरी के यात्रियों को राहत
215 किलोमीटर से कम यात्रा करने वाले यात्रियों को कोई अतिरिक्त किराया नहीं देना होगा. इसका मतलब है कि दिल्ली-एनसीआर और आसपास के शहरों में रोजाना आने-जाने वाले लोग, नौकरी, पढ़ाई या छोटे व्यापार के लिए सफर करने वाले यात्री, इस बदलाव से प्रभावित नहीं होंगे.