Indian Railway News: कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से रेल कनेक्टिविटी से जोड़ने के बाद अब रेलवे की ओर से ऋषिकेश, केदारनाथ और बद्रीनाथ को भी रेल से जोड़ने की तैयारी जोरों शोरों से चल रही है. इसी दिशा में भारतीय रेलवे, ऋषिकेश से लेकर कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्‍ट का काम तेजी से कर रहा है, ताकि रेल यात्रियों को जल्द ही इस रूट पर ट्रेन से सफर की सुविधा मिल सके.

इसी क्रम में भारतीय रेलवे ने आज इतिहास रचते हुए ऋषिकेश-कर्णप्रयाग परियोजना की टनल नंबर 8 की ब्रेकिंग सेरेमनी की. जो देश की सबसे लंबी रेल सुरंग भी है, जिसकी कुल लंबाई 14.58 किलोमीटर है. इसके लिए रेलवे ने अब तक की सबसे तेज खोदाई करते हुए 413 मीटर प्रति माह की औसत से सुरंग की खोदाई की है और इसके लिए सिंगल शील्ड टीबीएम मशीन का उपयोग किया गया है. 

परियोजना की कुल लंबाई 125 किमी यह टनल भारत की न सिर्फ सबसे लंबी ट्रांसपोर्ट टनल होगी, जिसकी लंबाई 14.58 किमी है. बल्कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना का अहम हिस्सा होगी. इस परियोजना में 12 स्टेशन होंगे. पूरी परियोजना की कुल लंबाई 125.20 किमी है, जिसमें 83% टनल (104 किमी), 14.72% खुली खुदाई और 2.21% महत्वपूर्ण पुल हैं. इस परियोजना में 16 टनल है, जिनकी कुल लंबाई 213.57 किमी है. इस परियोजना के तहत 19 प्रमुख पुलों का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें से 8 पूरे भी हो चुके हैं. इसके अलावा, 38 छोटे पुलों का निर्माण भी किया जा रहा है.

इस टनल ब्रेकिंग सेरेमनी में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और स्थानीय सांसद अनिल बलूनी भी मौजूद रहे. रेल मंत्री ने इस पूरी परियोजना को अदभुत बताते हुए कहा कि यह परियोजना अपनी तकनीक, सुरगों को लेकर पूरे दुनिया में चर्चा का विषय बन चुकी है. और इसके निर्माण में नई और वर्ल्ड क्लास टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है. इसके साथ ही ये परियोजना इलाके में सांस्कृतिक भावनाओं के को ध्यान में रखकर पूरी की जा रही है.

रेल कनेक्टिविटी से सफर और पैसे दोनों की बचतआपको बता दें कि फिलहाल रेल कनेक्टिविटी ऋषिकेश तक ही जाती है और इसके आगे का सफर लोगों को सड़क मार्ग से पूरा करना होता है. और ऋषिकेश से कर्णप्रयाग सड़क मार्ग से जाने से तकरीबन 7 घंटे का समय लगता है, लेकिन रेल कनेक्टिविटी आ जाने से ये सफर मात्र 2 घंटे में तय हो सकेगा. इससे ना सिर्फ समय की बचत होगी बल्कि आर्थिक रूप से भी सफर लोगों के लिए आसान हो जाएगा. 

इस परियोजना के बारे में बताएं तो रेलवे ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल लाइन बना रहा है. जिसकी कुल लंबाई 125 किलोमीटर है. जिसका ज्‍यादातर हिस्‍सा टनल से होकर गुजरेगा. रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक अगले साल तक इस परियोजना की शुरुआत हो जाएगी. 

इस रेल लिंक का प्रमुख उद्देश्य उत्तराखंड में स्थित तीर्थ केंद्रों तक यात्रियों को आसान पहुंच प्रदान करना, इसके लिए नए व्यापार केंद्रों को जोड़ना, और दूर दराज के पिछड़े गांवों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है.

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