डिजिटल अरेस्ट कर लोगों को ठगने के मामले में देश में पहली बार सजा सुनाई गई है. डिजिटल अरेस्ट के आरोपी को सात साल की कारावास की सजा की सुनाई गई है. बताया गया कि डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने वाले साइबर जालसाज देवाशीष राय को सजा सुनाई गई है.

14 माह के अंदर सजा पाने वाले जालसाज को सुनवाई के दौरान एक बार भी जमानत नहीं मिल पाई थी. जालसाज पर 68 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगा है.

दरअसल, आजमगढ़ के मसौना के रहने वाले इस बदमाश ने लखनऊ की रहने वाली डाक्टर सौम्या गुप्ता से मई 2024 में डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर 85 लाख रुपये का फ्रॉड किया था. साइबर क्राइम पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करने के पांच दिनों के भीतर ही गोमतीनगर विस्तार के मंदाकिनी अपार्टमेंट से दोषी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था.

महिला डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर की थी ठगीपुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अपराध कमलेश दीक्षित ने इस बारे में बताया कि गोमतीनगर विस्तार सुलभ आवास निवासी देवाशीष राय को 7 साल की सजा सुनाई गई है.

डीसीपी के अनुसार, मई 2024 में देवाशीष ने महानगर की इंद्रप्रस्थ कालोनी निवासी केजीएमयू की डॉक्टर सौम्या गुप्ता को फोन किया और खुद को कस्टम अधिकारी बताते हुए कहा कि उनके नाम से एक कार्गो बुक किया गया है, जिसमें जाली पासपोर्ट, एटीएम कार्ड और 140 ग्राम एमडीएम (नशे की दवा) बरामद हुई है जो अपराध की श्रेणी में आती है. इसके आरोपी ने डॉक्टर सौम्या को 10 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 85 लाख रुपये की ठगी की.

हर खारिज हुई आरोपी की जमानत याचिकाडीसीपी ने बताया कि मामले की जांच कर रहे इंस्पेक्टर बृजेश कुमार यादव ने पहचान छिपाकर रह रहे देवाशीष को पांच दिन के अंदर गोमतीनगर विस्तार के मंदाकिनी अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया था. तीन महीने में जांच पूरी कर दोषी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी थी. पुलिस ने अभियोजन के साथ मिलकर कोर्ट में प्रभावी पैरवी की. उचित पैरवी से हर तारीख पर देवाशीष की जमानत को खारिज कराया गया.