Mathura Crime: अपहरण (Kidnapping) और फिरौती (Ransom) से जुड़े 16 साल पुराने एक मामले में कोर्ट ने 10 लोगों को आजीवन कारावास (Life Imprisonment) और 10-10 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. मामला 28 दिसंबर 2006 का था, जब मॉर्निंग वॉक करते समय शहर कोतवाली क्षेत्र के गली पिरपंच निवासी विनोद शंकर शर्मा (Vinod Shankar Sharma) का अभियुक्तों ने अपहरण कर लिया था. विनोद शंकर शर्मा के अपहरण के बाद अभियुक्तों ने परिजनों से 70 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी, हालांकि 4 लाख कि फिरौती लेने के बाद अभियुक्तों ने विनोद शंकर को रिहा कर दिया था. इसके बाद इस मामले में 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की गई थी.
परिजनों ने लिखाई थी गुमशुदगी की शिकायतजानकारी के मुताबिक, शहर कोतवाली क्षेत्र की पीरपंच गली निवासी विनोद शंकर शर्मा 28 दिसंबर 2006 की सुबह अपने घर से टहलने के लिए निकले थे, लेकिन वापस नहीं लौटे, जिसके बाद उनके दामाद योगेश शर्मा ने कोतवाली में गुमशुदगी की शिकातत दर्ज कराई थी.
एक अन्य आरोपी के खिलाफ जारी किए वारंट एडीजे-7 कोर्ट ने इस मामले में अंतिम फैसले के तारीख 5 सितंबर तय करते हुए सभी अभियुक्तों को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा था. सोमवार यानी 5 सिंतबर को एडीजे-7 कोर्ट ने कोर्ट में हाजिर हुए नौ अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया. इसके अलावा कोर्ट ने सभी दोषियों पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया. बता दें कि मामले के मुख्य आरोपी भूरा उर्फ भूरी सिंह की मामले की सुनवाई के दौरान ही मौत हो चुकी है, वहीं एक अन्य आरोपी को कोर्ट में पेश न होने के लिए उसके खिलाफ वारंट जारी किया गया.
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