नई दिल्ली, एबीपी गंगा। महंगाई और तेजी से बढ़ते खर्चों के बीच कभी कभार ऐसी स्थिति आती है कि अपनी जरूरतों के लिये आपको अचानक अधिक पैसों की जरूरत होती है। इसके लिये आप बैंक की तरफ रुख करते हैं और पर्सनल लोन का विकल्प चुनते हैं। लोन लेने के लिये बैंकों के अपने मानक होते हैं। हालांकि यह आसान नहीं है। किसी भी जरूरतमंद को लोन देने के लिये बैंक उसका क्रेडिट स्कोर को परखता है। यह किसी भी आवेदक के मूल्यांकन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
बैंक व लोन मामलों के एक्सपर्ट की मानें तो क्रेडिट ब्यूरो क्रेडिट स्कोर का कैलकुलेशन व्यक्ति की रिपेमेंट हिस्ट्री, क्रेडिट हिस्ट्री की अवधि, क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो, लोन/क्रेडिट कार्ड इन्क्वायरीज, मंथली इनकम, फिक्स्ड ऑब्लिगेशन टु इनकम रेशियो (FOIR), एम्प्लॉयर की प्रोफाइल, जॉब स्टैबिलिटी और लोकेशन के आधार पर करता है। इन कारकों के आदर्श प्रबंधन से आवेदक के क्रेडिट स्कोर के सुधार में मदद मिलती है और उसे लोन मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है।
उन्होंने कहा, 'अगर आपका क्रेडिट स्कोर 750 है तो इसे बढ़िया माना जाता है। बुनियादी बात ये है कि क्रेडिट स्कोर जितना अधिक होता है, लोन मिलने की संभावना उतनी ही अधिक होती है।'
अगर आप लोन के लिये अपलाई करने जा रहे हैं तो इन मुख्य कारकों का जरूर ध्यान रखें, आवेदक के पर्सनल लोन मंजूर होने की संभावना बढ़ जाती है।
-अगर आपके पास पर्याप्त बैंक बैलेंस नहीं है तो कर्जदाता आपका लोन ऐप्लिकेशन रिजेक्ट कर सकता है। अधिकांश बैंक आपकी न्यूनतम मासिक आय देखने के बाद ही आपके लोन ऐप्लिकेशन पर विचार करता है और आपके लोन अमाउंट को मंजूरी देता है।
-क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि और लोन की ईएमआई का समय पर भुगतान किसी भी बैंक को पर्सनल लोन के लिए आवेदन देने से पहले आवेदक को अपने मौजूदा क्रेडिट कार्ड के बिल और लोन की ईएमआई का भुगतान समय पर करना चाहिए। क्योंकि इनसे आपके क्रेडिट स्कोर में सुधार आता है, जिससे लोन मंजूर होने की संभावना बढ़ जाती है।
-अपना क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो 30 फीसदी के नीचे रखें क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो क्रेडिट कार्ड होल्डर द्वारा इस्तेमाल किए गए कुल क्रेडिट कार्ड लिमिट का अनुपात है। अग्रवाल ने कहा, 'वित्तीय संस्थान 30 फीसदी से अधिक क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो को ठीक नहीं मानते और इसलिए क्रेडिट ब्यूरो इस सीमा के उल्लंघन पर क्रेडिट स्कोर घटा देते हैं, जिससे आपको लोन मिलने की संभावना कम हो जाती है।
क्या सावधानी बरतें
बैंक वैसे लोन ऐप्लिकेशन पर विचार नहीं करते, जिनमें गलतियां होती हैं। बैंक थर्ड-पार्टी एजेंसियों की मदद से आवेदन में गलतियां न हों और जानबूझकर तथ्य न छिपाए गए हों, इसकी पुष्टि करते हैं।
जब आवेदक को उसके मन मुताबिक लोन की रकम नहीं मिलती है तो वह कई लोन ले लेता है। अगर आप कई लोन लेते हैं तो आपके कर्ज के जाल में फंसने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे आप भविष्य में वित्तीय सुरक्षा से भटक जाते हैं और आपके क्रेडिट स्कोर पर भी असर पड़ सकता है।