Prayagraj News Today: रंगों का पर्व होली भले ही समाप्त हो गई है, लेकिन इसका खुमार अभी प्रयागराज के लोगों पर छाया हुआ है. संगम नगरी प्रयागराज में आज रविवार (16 मार्च) को तीसरे दिन भी जमकर अबीर गुलाल उड़ाए जा रहे हैं. प्रयागराज के लोग आज तीसरे दिन भी होली की खुमारी में डूबे हुए हैं. 

प्रयागराज में तीन दिनों तक सड़कों पर रंग खेले जाने की अनूठी परंपरा है. हालांकि तीसरे दिन ठठेरी बाजार समेत कुछ सीमित जगह पर ही होली खेली जाती है. ठठेरी बाजार समेत कुछ अन्य गलियों में आज भी होलियारों की टोली धमाल मचा रही है. दोपहर के वक्त यहां होली का हुल्लड़ अपने शबाब पर पहुंच गया था. 

अबीर गुलाल लगाकर दी मुबारकबादइस मौके पर लोगों ने जमकर रंग उड़ाए और एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर होली की मुबारकबाद दी. लोगों ने अपने पुराने गिले-शिकवे भुलाकर दिल से दिल मिलाने का संकल्प लिया. प्रयागराज में आज जिन जगहों पर होली खेली गई, वहां सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए थे.

प्रयागराज में आज कई जगहों पर जिस वक्त होली के रंग बरस रहे थे, उस वक्त मस्जिदों में रमजान की नमाज अदा की जा रही थी. हालांकि इससे दोनों समुदायों की परंपरा पर कोई असर नहीं पड़ा और दोनों ने एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान किया और परंपराएं निभाने में उनकी मदद भी की.

इससे पहले कल भी प्रयागराज में कई जगहों पर जमकर होली खेली गई. शनिवार को चौक मोहल्ले में बॉलीवुड सुपर स्टार अमिताभ बच्चन और देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के पुश्तैनी घरों के पास होली खेली गई, इस दौरान होलियारों की इतनी भीड़ इकट्ठी हो गई कि सड़कों पर कहीं तिल रखने की भी जगह नहीं बची है.

कपड़ाफाड़ होली है खाससंगम नगरी प्रयागराज में तीन दिनों तक चलने वाला होली उत्सव इस बार और कई मायनों में खास है. पारंपरिक और फिल्मी गीतों के साथ भगवान श्रीराम और महाकुंभ पर आधारित भजनों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया. होली के दूसरे और तीसरे दिन यहां खास आयोजन होते हैं, जिनमें परंपरागत बारात निकालने और सामूहिक रूप से ठंडई पीने की रस्में निभाई जाती हैं.

यहां की कपड़ाफाड़ होली और दमकल होली दुनियाभर में मशहूर है. महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के मोहल्ले में दमकल होली तो हरिवंश राय बच्चन के इलाके में कपड़ाफाड़ होली की धूम रहती है. खास बात यह है कि इस अनूठी परंपरा के तहत होलियारों की टोलियां सड़कों पर निकलकर लोगों के ऊपरी कपड़े फाड़कर हवा में लहराती हैं, लेकिन इसे कोई बुरा नहीं मानता है.