उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में कावड़ यात्रा के दौरान समाजवादी पार्टी की पीडीए कांवड़ के बाद हिंदू युवा वाहिनी की डाक कांवड़ चर्चाओं का केंद्र बनी हुई है. मुजफ्फरनगर का नाम 'लक्ष्मी नगर' करने की मांग को लेकर निकली अनोखी डाक कांवड़ यात्रा जनपद के खूब चर्चाओं में है. यह अनोखी डाक हर कोई का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही है.

सावन के पवित्र माह में कांवड़ यात्रा के बीच मंगलवार को एक अनोखी डाक कांवड़ यात्रा ने जनपद मुजफ्फरनगर में विशेष ध्यान आकर्षित किया. हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं की तरफ से निकाली गई डाक कांवड़ यात्रा का उद्देश्य केवल धार्मिक आस्था नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक बदलाव की मांग भी थी.

'मुजफ्फरनगर नहीं, लक्ष्मी नगर' के लगाए पोस्टरहिंदू युवा वाहिनी के क्षेत्रीय संगठन मंत्री प्रहलाद पाहुजा के नेतृत्व में 151 लीटर गंगाजल हरिद्वार से लाकर शिव चौक पर अभिषेक किया गया. खास बात यह रही कि इस डाक कांवड़ यात्रा के दौरान वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने ‘मुजफ्फरनगर नहीं, लक्ष्मी नगर’ के पोस्टर और बैनर लगाए और पूरे क्षेत्र में हर हर महादेव के जयकारे लगाते हुए पुष्प वर्षा की. 

प्रहलाद पाहुजा ने बताया कि हिंदू युवा वाहिनी लंबे समय से मुजफ्फरनगर का नाम बदलकर लक्ष्मी नगर रखने की मांग कर रही है. उन्होंने कहा कि "मुगलों द्वारा किए गए अत्याचारों की याद दिलाने वाला यह नाम हमारी संस्कृति और अस्मिता के खिलाफ है. अब समय आ गया है कि इस मुग़लिया नाम को हटाकर नगर को पवित्र और सांस्कृतिक पहचान दी जाए."

वाल्मीकि समाज के लोगों ने किया स्वागतडाक कांवड़ यात्रा के दौरान गंगाजल का छिड़काव कर ‘शुद्धिकरण’ का प्रतीकात्मक संदेश भी दिया गया. संगठन ने मुख्यमंत्री से जल्द नाम परिवर्तन की मांग दोहराई. यह अनूठी पहल धार्मिक श्रद्धा और सांस्कृतिक चेतना का संगम बनकर सामने आई है. इस अवसर पर वाल्मीकि समाज के समाजसेवी गुरु गौहर वाल्मीकि ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और फूल मालाओं से कार्यकर्ताओं का स्वागत किया.