रुद्रपुर में प्रस्तावित आठ लेन हाईवे परियोजना के तहत सैय्यद मासूम शाह मिया और सज्जाद मिया की मजार के ध्वस्तीकरण को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता से 24 घंटे के भीतर दो सदस्यों का पूरा विवरण, आधार कार्ड, फोटो, ईमेल व फोन नंबर समेत जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है, जो मजार की मिट्टी को स्थानांतरित करेंगे. साथ ही, मिट्टी को कहां स्थापित किया जाएगा, इसका शपथपत्र भी देने के निर्देश दिए हैं.
कोर्ट ने उधम सिंह नगर प्रशासन को आदेश दिया कि जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक मजार के स्थल के ऊपर से वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी जाए. मामले की अगली सुनवाई बुधवार दोपहर को होगी.
सोमवार तड़के प्रशासन ने इंदिरा चौक के समीप स्थित मजार को बुलडोजर की मदद से हटाया था. एनएचएआई द्वारा 60 दिन पहले और फिर दोबारा नोटिस दिए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई. प्रशासन ने बताया कि यह भूमि वक्फ की नहीं है और नियमानुसार मुआवजा दिया गया है. जिलाधिकारी ने कोर्ट को बताया कि खसरा रिकॉर्ड में यह 1960 से सड़क की दरगाह के रूप में दर्ज थी.
देहरादून में मानव रहित सिस्टम से खनन पर निगरानी, बिना रॉयल्टी के ऑटो जनरेट होगा चालान
याचिकाकर्ता वक्फ अल्लाह ताला की ओर से अधिवक्ता खान ने मेंशन करते हुए न्यायालय को अवगत कराया कि ध्वस्तीकरण के बाद तत्काल वहां कोलतार बिछा दिया गया और ट्रैफिक चालू कर दिया गया, जबकि रात तक वहां ट्रैफिक नहीं था. इस पर कोर्ट ने डामरीकरण रोकने और स्थल से ट्रैफिक बंद करने के आदेश जारी किए.
सरकारी अधिवक्ता राजीव बिष्ट ने कोर्ट को बताया कि उक्त स्थान पर दो हाईवे क्रॉस करते हैं, जिससे ट्रैफिक बाधित हो रहा है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब तक याचिकाकर्ता द्वारा तय शर्तें पूरी नहीं की जातीं, तब तक स्थल से आवागमन पूरी तरह रोका जाए.
हाईकोर्ट पहले से एनएच से मजार हटाने के मामले में सुनवाई कर रहा है. अब बुधवार को अगली सुनवाई में याचिकाकर्ता की ओर से तय विवरण और शपथपत्र पेश किए जाएंगे, जिसके आधार पर अदालत आगे का निर्णय लेगी