प्रयागराज, मोहम्मद मोइन। समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान की मोहम्मद अली जौहर युनिवर्सिटी से चोरी की किताबें बरामद होने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से जवाब तलब किया है। अदालत ने इस मामले में यूपी सरकार के साथ ही रामपुर के डीएम व एसएसपी से भी जवाब मांगा है। इन सभी को जवाब दाखिल करने के लिए पांच दिनों की मोहलत दी गई है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इस मामले में यूपी सरकार को यह भी आदेश दिया है कि वह जौहर युनिवर्सिटी में कोई भी ऐसी कार्यवाही न करें, जो नियम व अदालतों के आदेश की अवमानना के दायरे में आता हो। अदालत इस मामले में छह अगस्त को फिर से सुनवाई करेगी।
जौहर युनिवर्सिटी में मदरसे से चोरी हुई किताबों की बरामदगी के लिए पुलिस ने दो दिनों तक छापेमारी की थी। इसके खिलाफ युनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। युनिवर्सिटी की अपील पर हाईकोर्ट ने आज बिना नंबर के इस मामले में सुनवाई की। सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि जौहर युनिवर्सिटी में नियमों के मुताबिक ही कार्यवाही हुई है। मदरसा आलिया से चोरी हुई किताबें यहां रखी होने की खबर थी, जिस पर छापेमारी कर किताबें बरामद की गईं।
युनिवर्सिटी की तरफ से अदालत में कहा गया कि बिना सर्च वारंट यूनिवर्सिटी परिसर में पुलिस ने घुस कर चांसलर मोहम्मद आजम खान के कार्यालय में तोड़फोड़ की और कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया। युनिवर्सिटी ने पुलिस की इस कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश का खुला उल्लंघन बताया है। मामले की सुनवाई जस्टिस शशिकांत गुप्ता और जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की खंडपीठ में हुई।