Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश स्थित हाथरस के सत्संग में मची भगदड़ और 121 लोगों की मौत के मामले में न्यायिक आयोग ने रिपोर्ट दाखिल की है. सूत्रों के अनुसार आयोग की रिपोर्ट को कैबिनेट में गुरुवार,  20 फरवरी को पेश किया गया है. कैबिनेट ने सदन में रिपोर्ट को रखने की मंजूरी दे दी है. सूत्रों की मानें तो SIT की तरह न्यायिक आयोग ने भी सत्संग करने वाले भोले बाबा को क्लीन चिट दे दी है. 

सूत्रों के अनुसार, इस घटना के लिए न्यायिक जांच आयोग ने पुलिस की लापरवाही को जिम्मेदार बताया है. रिपोर्ट में घटना के पीछे आयोजकों को मुख्य जिम्मेदार बताया गया है. वहीं आयोग ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कई सुझाव भी दिए हैं. आयोग ने जांच के बाद सुझाव देते हुए कहा है कि पुलिस अफसर हर आयोजन स्थल में खुद जाकर भ्रमण करें.

सूत्रों के मुताबिक न्यायिक आयोग ने अपनी जांच के बाद दिए गए सुझावों में कहा है कि आयोजकों के द्वारा ली गई कार्यक्रम अनुमति की शर्तों को सख्ती से लागू करें, जिससे इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें. वहीं उल्लंघन पर करवाई का प्रावधान हो.

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तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का हुआ था गठनबता दें उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन जुलाई 2024 को हाथरस त्रासदी और भगदड़ के पीछे किसी साजिश की संभावना की जांच के लिए एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया था. इस हादसे में मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर सहित अन्य सेवादारों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, प्राण घातक हमला करने, गंभीर चोट पहुचाने, लोगों को बंधक बनाने, निषेध्याज्ञा का उल्लंघन करने और साक्ष्य छिपाने की धाराओं में मामला दर्ज किया गया था.

गौरतलब है कि 2 जुलाई को सिकंदराराऊ के गांव फुलरई मुगलगढ़ी में नारायण साकार हरि भोले बाबा उर्फ सूरजपाल के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी. उनका काफिला निकालने के लिए सेवादरों ने भीड़ को रोक दिया था, इस दौरान उनकी चरण रज लेने की होड़ में लोग गिरते गए. इस मामले में पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था.