Harish Rawat News: उत्तराखंड की सियासत में एक बार फिर चितई गोलू देवता के दरबार से बड़ा राजनीतिक संदेश सामने आया है. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने आज चितई स्थित गोलू देवता के मंदिर पहुंचकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कथित दो "महा झूठों" के खिलाफ न्याय की गुहार लगाई. उन्होंने भाजपा पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने 2017 और 2022 में दो बड़े झूठ बोले, जिनका न तो कोई आधार था और न ही कोई नियत.
हरीश रावत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भाजपा ने 2017 में यह झूठ फैलाया कि अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो शुक्रवार (जुम्मा) की नमाज के लिए छुट्टी दी जाएगी. इसके बाद 2022 में भाजपा ने एक और झूठ गढ़ा कि उत्तराखंड में मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि इन दोनों झूठों का उद्देश्य सिर्फ धार्मिक ध्रुवीकरण करना और जनता को भटकाना था.
भाजपा सरकार झूठ के गर्भ से पैदा हुई है- रावतरावत ने गोलू देवता के दरबार में न्याय की अपील करते हुए कहा कि “भाजपा की सरकारें झूठ के गर्भ से पैदा हुई हैं. हमने सच्चाई के पक्ष में और जनभावनाओं के सम्मान में आज गोलू देवता से न्याय की याचना की है, ताकि सच जनता के सामने आए और झूठों की राजनीति को करारा जवाब मिले.”
उन्होंने कहा कि भाजपा लगातार झूठ का सहारा लेकर चुनाव जीतती रही है, लेकिन अब समय आ गया है जब जनता को सच्चाई से अवगत कराया जाए. चितई गोलू देवता, जिन्हें न्याय का देवता माना जाता है, उनके दरबार में जाकर हरीश रावत ने यह भी संकेत दिया कि अब राजनीतिक लड़ाई सच्चाई और झूठ के बीच की होगी.
रावत के बयान पर राजनीतिक विश्लेषकों की राय?राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि रावत का यह कदम आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए रणनीतिक रूप से अहम हो सकता है, क्योंकि पहाड़ी इलाकों में गोलू देवता के प्रति जन आस्था बेहद गहरी है. कांग्रेस समर्थकों ने इस कदम को ‘सत्य की लड़ाई’ करार देते हुए कहा है कि भाजपा के झूठों का पर्दाफाश अब जन-जन तक पहुंचेगा. वहीं, भाजपा की ओर से अभी तक इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.
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