उत्तराखंड के हरिद्वार में 4 दिन के भीतर दो हाथियों की मौत से वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. हाथियों का बिसरा सैंपल को जांच के लिए आईवीआरआई भेजा गया है. वहीं पानी के सैंपल भी लिए गए हैं. खेतों से फेंसिंग हटाने का भी अभियान चलाया जा रहा है.

Continues below advertisement

हल्द्वानी वनप्रभाग में चार दिनों में दो हाथियों की मौत के बाद से उत्तराखंड वन विभाग में खलबली मची हुई है. इसमें एक हाथी की मौत खेत में लगी तारबंदी में करंट लगने से हुई, जबकि दूसरे की मौत का कारण स्पष्ट नहीं है. हाथी की मौत के बाद वन विभाग ने अभियान चलाने की योजना बनाई है, जिससे संबंधित इलाकों में जंगल में सैटेलाइट हेतु इस तरह की फेंसिंग को हटाया जाएगा. इसके अलावा आसपास के जल स्रोतों से पानी के सैंपल भी जांच के लिए भेजे जा रहे हैं.

एक हाथी के मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं

हरिद्वार वनप्रभाग ने 26 सितंबर को खानपुर रेंज में रसूलपुर और 29 सितंबर को शाह मंसूर बीट में एक हाथी का शव मिलने की जानकारी दी है. इसके बाद से वन महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. रसूलपुर बीट में वन और राजस्व विभाग की सीमा पर हाथी का शव मिला था. इस हाथी की मौत के कारण को लेकर स्पष्ट न होने के कारण सैंपल को जांच के लिए आईवीआरआई बरेली भेजा गया है. 

Continues below advertisement

करंट से हाथी की मौत के मामले में खेत मालिक पर दर्ज होगा केस

शाह मंसूर में खेत में हाथी का शव मिला था, इस हाथी की मौत करंट लगने से हुई थी जो कि खेत की सुरक्षा के लिए लगाई गई फेंसिंग में था. मामले में खेत मालिक के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है.

मामले पर डीएफओ ने क्या कहा?

वहीं इस मामले में हरिद्वार के डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध कहते हैं कि दूसरे मामले में खेत में शव मिला है, इसमें हाथी की मौत का कारण बिजली का करंट लग रहा है. इसके बाद खेत मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पहले हाथी की मौत के कारण को लेकर स्पष्ट नहीं है, जिसके कारण हमने उसके अंगों के सैंपल के लिए भेजा है. हाथी की मौत में विष अन्य कई और कारण भी हो सकते हैं, जिसका पता जांच के बाद ही लग पाएगा. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि घटनास्थल के आसपास के क्षेत्र में पानी के सैंपल लिए गए हैं.

फेसिंग हटाने का काम शुरू

दूसरी घटना जहां पर हुई है उसके आसपास बड़े स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक फेंसिंग होने का पता चला है. ऐसे में एक बड़ी टीम के माध्यम से इन फेंसिंग को हटाने का अभियान शुरू किया जा रहा है. साथ ही मामले की जांच एसडीओ स्तर के अधिकारी को सौंप दी गई है.

बता दें कि उत्तराखंड में हाथियों को लेकर कई तस्वीरें सामने आती रहती हैं, खासकर हरिद्वार की, जहां जंगलों को काटकर कंक्रीट के जंगल बना दिए गए हैं और हाथी दुनिया में एक मात्र ऐसा जानवर है जो हजारों साल पुरानी पगडंडियों पर ही चलता है. तो यह कहना गलत नहीं होगा कि हाथी तो अपने रास्ते पर आ रहे हैं, लेकिन लोगों ने उनके घर को जाने वाला रास्ता बंद कर दिया है.