UP Assembly Election 2022: हरदोई (Hardoi)के सीएसएन पीजी कॉलेज मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित किया और इस दौरान उन्होंने कहा समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party)आतंकियों के मुकदमे वापस करती थी. भारतीय जनता पार्टी आतंकवादियों को सजा दिलवाने का काम रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली और उत्तर प्रदेश में किसी परिवार की सरकार नहीं गरीब, नौजवान, आम आदमी की सरकार है.
इनलोगों ने आतंकियों को बचाने का प्रयास किया-पीएमपीएम मोदी ने कहा कि यूपी में कई जगहों पर धमाके हुए थे. उस दौरान समाजवादी पार्टी की सरकार ने आतंकियों को बचाने का प्रयास किया, लेकिन कोर्ट ने इनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया. आतंकियों को सपा की सरकार में केस वापस लेने का गिफ्ट दिया जा रहा था. जनता ऐसी सरकार को पसन्द नहीं करती है. जो तुष्टिकरण की राजनीति में हमारे त्योहारों को रोकते थे, उन्हें यूपी की जनता का उत्तर 10 मार्च को मिल जाएगा. हरदोई वालों ने वो दिन देखें हैं कि कैसे इन लोगों ने कट्टा और सट्टा वालों को खुली छूट दे रखी थी.
अहमदाबाद ब्लास्ट पर क्या कहापीएम मोदी ने आतंकवाद पर चर्चा की और कहा, 'पहले सीरियल बम ब्लास्ट होते थे. दिल्ली, मुंबई, लुधियाना में बम विस्फोट होते थे. जब हम गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उस दौरान अहमदाबाद में सीरियल बम ब्लास्ट हुआ. मैं उसे कभी भूल नहीं सकता हूं. इन धमाकों में जो मरे उनलोगों के खून से धरती लाल हो गई थी. मैंने उस रक्त से गीली मिट्टी को उठाकर शपथ लिया था कि मेरी सरकार आई तो इन्हें सजा दिलाई जाएगी. अभी दो दिन पहले उन्हें अदालत ने सजा सुनाई है. कई आतंकियों को फांसी की सजा हुई'.
सपा वालों को मौका मत दें-पीएमपीएम ने कहा कि हम चुप थे लेकिन अब सबके सामने रखते हैं कि अहमदाबाद में धमाके दो तरह से किए गए थे. पहले शहर में और फिर अस्पताल के अंदर धमाका किया गया. आतंकियों ने समाजवादी पार्टी के चुनाव निशान साइकिल पर बम रखे थे. सब्जी की दुकानों के पास विस्फोट कराए गए, जिसमें कई जानें गईं. वहीं, 2006 में काशी में संकट मोचन मंदिर और कैंट स्टेशन पर भी धमाका हुआ. उस समय सपा की सरकार थी. सपा सरकार ने आतंकी शमीम अहमद से केस वापस लेने का प्रयास किया. इन सपा वालों को दोबारा मौका न देना.
कट्टा और सट्टा वालों को खुली छूट थी-पीएमपीएम ने कहा, 2007 में गोरखपुर में आतंकी हमला हुआ. तब भी सपा सरकार ने तारिक नाम के आतंकी से केस वापस लेने का निर्णय किया लेकिन, हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया और उसे 20 साल की सजा मिली. लखनऊ में हुए धमाके में 2013 में सपा की सरकार ने आतंकी से मुकदमा वापस लेने का फैसला लिया लेकिन सपा के मंसूबों पर हाईकोर्ट ने पानी फेर दिया. आतंकी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. आतंकियों को सपा की सरकार में केस वापस लेने का गिफ्ट दिया जा रहा था. पहले कट्टा और सट्टा वालों को खुली छूट थी.
केंद्र और यूपी सरकार किसी खानदान की नहीं-पीएमपीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि यूपी में आपने जिस डबल इंजन की सरकार को आशीर्वाद दिया है और दिल्ली में भारत की सरकार किसी एक खानदान की सरकार नहीं है. ये गरीब, किसान और नौजवानों की सरकार है. 2017 तक यूपी में सपा की सरकार थी. इन्होंने केंद्र सरकार को काम नहीं करने दिया. ऐसे लोगों को दोबारा सत्ता में न आने देना. यूपी में काम तब शुरू हुआ जब 2017 में बीजेपी की सरकार बनी. हरदोई में योगी सरकार ने 70 हजार गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास दिए. वहीं, जब सपा की सरकार थी तो यूपी में गरीबों को घर नहीं मिला. सपा के समय में गरीबों के लिए सिर्फ 34 हजार शौचालय बने, जबकि योगी के जमाने में 5 लाख शौचालय बने.
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