Hapur Advocate News: उत्तर प्रदेश (UP) के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने हापुड़ में पुलिस की ओर से वकीलों पर बर्बर लाठीचार्ज की निंदा की है. अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में अराजकता व्याप्त है. बीजेपी सरकार (BJP Government) में पुलिस बेलगाम है. पुलिस ने कोर्ट परिसर में घुसकर जिस तरह से वकीलों और महिलाओं को बर्बरता से पीटा है, वह घोर निंदनीय है. बीजेपी सरकार में अन्याय और अत्याचार चरम पर है, किसी को न्याय नहीं मिल रहा है.


अखिलेश यादव ने आगे कहा कि अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने पर सरकार के इशारे पर पुलिस का व्यवहार अलोकतांत्रिक और अमानवीय है. सपा अध्यक्ष ने कहा कि पुलिस ने लाठीचार्ज में महिला वकीलों को भी दौड़ा-दौड़ाकर मारा. पुलिस कानून व्यवस्था बनाने के बजाय खुद अराजकता और अव्यवस्था फैला रही है. इसकी बीजेपी को बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी.


योगी सरकार ने गठित की एसआईटी


फिलहाल इस मामले में योगी आदित्यनाथ सरकार ने एसआईटी जांच के निर्देश दिए हैं. हापुड़ की घटना के संबंध में मुख्यमंत्री की ओर से मेरठ कमिश्नर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया है. मेरठ के आईजी और मुरादाबाद के डीआईजी इसके सदस्य हैं. जांच कमेटी को घटना के सभी पहलुओं की जांच कर एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया है.


क्या है पूरा मामला?


गौरतलब है कि कुछ समय पहले हापुड़ में एक महिला अधिवक्ता और सिपाही के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था. इसे लेकर पुलिस ने महिला अधिवक्ता और उसके पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया. इसका विरोध करते हुए अधिवक्ताओं ने मंगलवार को न्यायिक कार्य बंद रखते हुए तहसील चौपला पर जाम लगा दिया. जाम खुलवाने के दौरान पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच खींचातानी हुई. इस बीच पुलिस ने जाम खुलवाने के लिए लाठीचार्ज शुरू कर दिया. पुलिस की ओर से किए गए लाठीचार्ज के विरोध में बुधवार को प्रदेश के कई जिलों में वकीलों ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया है.


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