Hamirpur News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हमीरपुर (Hamirpur) में जल संकट होना कोई नई बात नहीं है, यहां आदिकाल से लेकर अब तक जल संकट बना हुआ है. यहां गर्मी पड़ने पर जल स्तर घट जाता है, लेकिन इस बार यह जल स्तर फरवरी महीने में ही घट गया है और प्रशासन ने अभी से ही पांच ब्लॉक को डार्क जोन घोषित कर दिया है. ऐसे में जो नए नलकूप स्थापित होने थे उस पर शासन ने रोक लगा दी है.

हमीरपुर के मौदहा ब्लॉक सहित सरीला क्षेत्र में हमेशा से ही गर्मी में जल संकट गहरा जाता रहा है. हालात यह हो जाते हैं कि खेतों की सिंचाई तो दूर लोगों को पीने के पानी के लिए लंबी जद्दोजहद करनी पड़ती है. इसी वजह से इस इलाके में बरसात के भरोसे इकलौती फसल रबी ही ठीक ठाक हो पाती है. जल संकट के ऐसे हालात मई जून में होते रहे है, लेकिन इस बार फरवरी माह में ही जिले के पांच ब्लॉक डार्क जोन में चले गए हैं. ऐसे में नलकूप विभाग ने सेमी क्रिटिकल श्रेणी में आए इन इलाकों में नए नलकूप लगाने से इनकार कर दिया है.

70 से अधिक राजकीय नलकूप बंदनलकूप विभाग के अधिशासी अभियंता अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि ज़िले में लगातार जलस्तर घट रहा है और सत्तर से अधिक राजकीय नलकूप बंद हो गए हैं, शासन से आठ नए नलकूप मिले थे, लेकिन राठ, गिहांड, सरीला, मौदहा और सुमेरपुर डार्क जोन में जाने से इन नलकूपों की स्थापना नहीं हो सकती है. ऐसे में दो ब्लॉक ही बचे हैं जिसमें कुरारा और मुस्करा है इसलिए आठों नलकूप इन दोनों ही ब्लॉक में स्थापित किए जा रहे हैं.

नलकूप विभाग को आशंका है कि मार्च के बाद जो नई रिपोर्ट आएगी, तब मुस्करा ब्लॉक भी डार्क जोन में जा सकता है. ऐसे में जिला प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही हैं. हालत अभी से ऐसे हो गए हैं और कुएं, तालाब, पोखर तो सूख ही रहे हैं, हैंडपंप ने भी जवाब देना शुरू कर दिया है. ऐसे में मई जून में पड़ने वाली गर्मी में इस इलाके के क्या हालात होंगे उसका अंदाजा लगाया जा सकता है.

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