Ayodhya News: ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है बीजेपी के वरिष्ठ नेता और हिंदुत्ववादी नेता प्रकाश शर्मा ने सुन्नी उलेमा काउंसिल के बयान का जबरदस्त विरोध किया है. उनका कहना है कि हिंदू इस देश का नागरिक है, जैसे ईसाई इस देश के नागरिक हैं, पारसी सिख इत्यादि सब इस देश के नागरिक हैं. वह संविधान के पालन करने की बात करते हैं तो मुस्लिम अलग से कैसे हैं. कुछ तुष्टिकरण करने वाले नेताओं ने इनके दिमाग खराब कर दिए हैं.
अतिक्रमण मुक्त होने का आ गया है समयतपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि बाबा विश्वनाथ का वह मंदिर है. आक्रांता ने उस समय जो हमारे मुख्य धर्म स्थल थे उनको तोड़ रहे थे. उसी दौरान बाबा विश्वनाथ के मंदिर को तोड़कर के उसी मलबे से उन्होंने मस्जिद का रूप दे दिया था. जिसको ज्ञानवापी मस्जिद कहते हैं उसके नीचे का जो हिस्सा है वह पूरा मंदिर का है और उसमें जो दीवार है, वह उसमें पूर्ण रूप से भगवान के चिन्ह दिखाई दे रहे हैं. विदेशी आक्रांता के द्वारा जो भारत में अतिक्रमण हुआ है वह अतिक्रमण मुक्त होने का समय आ गया है. इसमें भारत के किसी भी मुसलमान को ऐतराज नहीं करना चाहिए. अगर भारत में मुसलमान अपने आप को देश प्रेमी मानता है तो आतंकवादी आक्रांता का पक्ष नहीं लेना चाहिए और उसमें कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई चल रही है उसमें सब को सहयोग करने की आवश्यकता है. कोर्ट के कार्रवाई में अगर वह विरोध करते हैं तो यह सोचा जाएगा कि वह एंटी नेशनल सोच रखते हैं.
संविधानिक तरीके से नहीं रहने वालों पर बरसेगा बाबा का लठहनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास ने कहा कि बीजेपी नेता प्रकाश शर्मा जी ने सही कहा है कि हिंदुस्तान में रहने वाला चाहे वह किसी भी मजहब का हो सब का डीएनए एक है. मुसलमान कहते हैं कि हम संविधान को मानते हैं ज्ञानवापी मंदिर प्रकरण में वीडियोग्राफी होनी है तो उसमें किसी को भी समस्या नहीं होनी चाहिए. उसमें दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. जिस प्रकार से संविधान का मजाक कोर्ट के आदेश का अवहेलना करना मुस्लिम धर्म के कुछ कट्टरपंथियों ने इसको मुद्दा बना लिया है. उत्तर प्रदेश में योगी राज है. अगर गड़बड़ करोगे और संविधान को नहीं मानोगे तो बाबा का लठ भी बसता है. इस नाते कि भोले भाले मुसलमानों को भ्रम ना फैलाओ जिस प्रकार से आप वहां पर नारेबाजी कर आ रहे हो यह दुर्भाग्यपूर्ण है. हिंदू जनमानस को देखो आप अयोध्या में इतने वर्षों तक मुकदमा चला और कोर्ट का फैसला आया सभी लोगों ने माना हर व्यक्ति को संविधान को मानना चाहिए. हिंदुस्तान में संवैधानिक तरीके से रहोगे तो ठीक है नहीं तो बाबा का लठ बजेगा तब ठीक हो जाओगे.
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