Gyanvapi ASI Survey News: काशी के ज्ञानवापी परिसर मामले में आज एक नया मोड़ तब सामने आया जब याचिकाकर्ता डॉ. राम प्रसाद सिंह की तरफ से व्यास तहखाने में मरम्मत और आधे छत पर किसी के भी जाने पर प्रतिबंध लगाने की याचिका दाखिल की गई. हालांकि इस मामले को लेकर आज वाराणसी के जिला न्यायालय में सुनवाई न हो सकी और जिला न्यायालय ने अगली तारीख 19 मार्च सुनवाई के लिए तय की है. जानकारी मिलने तक इस मामले को लेकर मुस्लिम पक्ष ने अभी कोई आपत्ति दाखिल नहीं की है.


'जर्जर छत कभी भी ढह सकता है'


आज वाराणसी के जिला न्यायालय में डॉ राम प्रसाद  की तरफ से एक याचिका दाखिल की गई. डॉ राम प्रसाद ने एबीपी लाइव से बातचीत में कहा कि बीते  31 जनवरी को माननीय जिला न्यायालय ने व्यास तहखाने में पूजा पाठ का आदेश दे दिया है और इस दिन से लगातार नियमित तौर पर व्यास तहखाने में पूजा पाठ जारी है.


पुजारी अंदर प्रवेश करके भगवान की पूजा करते हैं. लेकिन हम सभी को ज्ञात हो कि यह परिसर सैकड़ों वर्ष पुराना है और तब से लेकर आज तक कोई भी मरम्मत कार्य नहीं हुआ है. इसमें पुजारी लोगों का नियमित पूजा पाठ करना जारी रहेगा.


ऐसे में जर्जर स्थिति में यह  कभी भी ढह सकता है इसलिए इसका मरम्मत आवश्यक है. हमारी यह भी मांग है कि  व्यास तहखाने में पूजा पाठ होने की वजह से चिन्हित आधे छत पर किसी भी व्यक्ति का प्रवेश न हो क्योंकि वह हमारा धार्मिक स्थल है और ऊपर जाना टहलना भ्रमण करना यह सनातन संस्कृति के मूल्यों के खिलाफ होगा.


'19 मार्च को निर्धारित तारीख पर होगी सुनवाई'


इस याचिका को लेकर वादी अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने एबीपी लाइव से बातचीत में कहा कि आज इस याचिका को वाराणसी के जिला न्यायालय में दाखिल किया गया है. हालांकि इस मामले पर अभी तक मुस्लिम पक्ष की तरफ से कोई आपत्ति दाखिल नहीं की गई है. वाराणसी जिला न्यायालय की तरफ से इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 19 मार्च निर्धारित की गई है. 19 मार्च को ही इस मामले पर सुनवाई होगी.


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