फिरोजाबाद: शादी के कार्ड छपे, उन्हें बांटा भी गया. उसने शादी के लिए हाथों में और पैरों में मेहंदी भी लगाई. वो दुल्हन भी बनी और दूल्हे के साथ उसकी वरमाला भी हुई, लेकिन उसके फेरे नहीं हो सके और न ही भर पाया उसकी मांग में सुहाग का सिंदूर. क्योंकि, शादी में दिया गया दहेज दूल्हे को कम लगा और वो ज्यादा दहेज की मांग पर अड़ गया. दहेज की मांग पूरी न होने पर दूल्हा शादी छोड़कर चला गया और दुल्हन बिना फेरे के ही अपने घर रह गई.

गम में बदल गईं खुशियां मामला थाना उत्तर क्षेत्र के झलकारी नगर का है. यहां रहने वाले राम अवतार की बेटी पूनम की 8 नवंबर को गांव नगला जिंजा सैफई जिला इटावा से बरात आई. दूल्हा बबलू बरात लेकर आ गया. उसने पूनम के साथ वरमाला भी डाली. वरमाला तक पूरी शादी का माहौल बेहद खुशी भरा था. सब लोग खुश थे लेकिन खुशियां उस वक्त गम में बदल गईं जब शादी के लिए सजाया गया दहेज दूल्हे बबलू को नागवार गुजरा.

बारात वापस लेकर चला गया दूल्हा दूल्हे ने कहा कि ये दहेज कम है और उसे ज्यादा दहेज चाहिए. दहेज की बात सुनकर दुल्हन के पिता राम अवतार सकते में आ गए. उन्होंने कई बार कहा कि वो मजदूरी कर अपनी बेटी की शादी कर रहे हैं और इससे ज्यादा दहेज देने की उनकी हैसियत नहीं है. लेकिन, दूल्हे बबलू की समझ में ये बात नहीं आई और बारात वापस लेकर चला गया.

शादी करने से किया मना मेहंदी दुल्हन के हाथों में रची रह गई और वो लाल जोड़े में सजी बैठी अपने घर पर बिना दूल्हे के ही रह गई. लेकिन इतना सबकुछ होने के बाद भी दुल्हन और उसके पिता ने हार नहीं मानी और दहेज के लालची दूल्हे से शादी करने से मना कर दिया.

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