Cyber Crime: ग्रेटर नोएडा के बिसरख थाना क्षेत्र में पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने साइबर ठग गिरोह के तीन सदस्यों को धर दबोचा. पकड़े गए आरोपियों में भारतीय नागरिक के अलावा चीनी और नेपाली शामिल है. गिरफ्तारी की कार्रवाई गौर सिटी माल के पास से हुई. पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि साइबर ठगी का काम कंबोडिया से किया जा रहा था. आरोपियों के पास से 4 पासपोर्ट, 2 ड्राइविंग लाइसेन्स, 9 मोबाइल फोन, 10 क्रेडिट कार्ड, 2 डेबिट कार्ड़, 12 अन्य कार्ड, 2 आईडी कार्ड, 11435 नेपाली करेन्सी, 2 डॉलर, 5 दिन्हम, 94,710 भारतीय रुपये, 150 थाईलैंड करेन्सी, 05 युआन करेन्सी चाइना, 2100 कम्बोडियन करेन्सी, 3 चैक बुक, 531 सिम कार्ड, 01 नेपाली नागरिकता प्रमाण पत्र बरामद किया गया है.


कंबोडिया से साइबर ठग गैंग का संचालन


गैंग भारतीय सिम को फर्जी पहचान पत्र से खरीदने के बाद एक्टिवेट कराता था. सिम एक्टिवेट होने के बाद कंबोडिया से भारतीयों से ठगी की जाती थी. डीसीपी सुनिधि ने बताया कि चीनी नागरिक सू यो मिंग, नेपाली नागरिक अनिल थापा और विनोद उर्फ अगस्त्य भाटी को गौर सिटी माल के पास से गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, डेबिट-क्रेडिट कार्ड, विदेशी करेंसी और 531 सिम कार्ड बरामद किए हैं. जालसाज ठगी के लिए हाईटेक तरीका अपनाते थे.


जालसाज ऐसे लगाते थे भारतीयों को चूना


भारत में मौजूद नामी कंपनियों के पास मौजूद लोगों का पर्सनल डाटा हैक कर लिया जाता था. पुलिस साइबर ठग गैंग से जुड़े नेपाली नागरिक घनश्याम, गणेश, विष्णु, उमेश आचार्य और भारतीय नागरिक इमरान की तलाश कर रही है. कहा जा रहा है कि सेक्टर 18 में कंपनी बनाकर लोगों को चूना लगाने का काम किया जाता था. जालसाज पसर्नल डाटा हैक कर साइबर धोखाधड़ी करते थे. मोबाइल पर आए हुए एसएमएस और ओटीपी को कंबोडिया भेजने में फर्जी चीनी एप का इस्तेमाल होता था. 


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