ग्रेटर नोएडा में बाजार में बिक रहे दूध से बने खाद्य उत्पाद मिठाई, खोया, पनीर, घी आदि गुणवत्ता की कसौटी पर बुरी तरह फेल हो रहे हैं. जिला खाद्य सुरक्षा विभाग की जांच में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं, जो उपभोक्ताओं के लिए गंभीर स्वास्थ्य खतरे की घंटी बजा रहे हैं. जनवरी से जुलाई 2025 के बीच जिला खाद्य विभाग ने जिलेभर के नामचीन रेस्टोरेंट, मिठाई की दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों से कुल 309 नमूने एकत्र किए. इन नमूनों की प्रयोगशाला जांच में पाया गया कि 303 नमूनों की रिपोर्ट आ चुकी है, जिनमें से 139 नमूने मानकों पर खरे नहीं उतरे. वहीं, 40 नमूने ऐसे मिले जो पूरी तरह से खाने योग्य नहीं थे. इन खराब नमूनों में दूध, घी, पनीर, खोया और बेकरी उत्पाद शामिल हैं.

दूध-पनीर के नमूने फेल

अधिकारियों के अनुसार, सबसे अधिक मिलावट दूध और उससे बने उत्पादों में पाई गई. जांच में पनीर, खोया, घी और दूध से बनी मिठाइयों के बड़े पैमाने पर नमूने फेल घोषित हुए हैं. बेकरी उत्पादों में भी मिलावट का स्तर इतना ज्यादा था कि कुछ नमूने स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह हानिकारक पाए गए.

पनीर के 67 में से 30 फेल

आंकड़ों पर नज़र डालें तो दूध के लिए गए 13 नमूनों में से 10 की रिपोर्ट आई, जिनमें से 5 मानकों पर खरे नहीं उतरे. खोया के 15 नमूनों में से 14 की रिपोर्ट में 6 नमूने मानकों से नीचे और 4 पूरी तरह फेल पाए गए. पनीर के 67 नमूनों में से 53 की रिपोर्ट में 30 नमूने मानक से कम और 10 खाने योग्य तक नहीं मिले. घी के 10 नमूनों में से आई 6 रिपोर्ट में 5 नमूने मानक से कम और 2 फेल पाए गए. वहीं, 15 मिठाई के नमूनों में से 13 की रिपोर्ट में 8 नमूने मानकों पर खरे नहीं उतरे.

उपभाक्ताओं को चेतावनी

खाद्य विभाग ने चेतावनी दी है कि उपभोक्ता त्योहारों या आम दिनों में खरीदारी करते समय सावधानी बरतें, खासकर खुली जगह या बिना ब्रांड वाले उत्पाद लेने से बचें. मिलावटी खाद्य पदार्थ न केवल स्वाद बिगाड़ते हैं, बल्कि गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकते हैं.