ग्रेटर नोएडा में शारदा यूनिवर्सिटी में एक बीडीएस सेकेंड ईयर की छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. छात्रा के परिजनों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया और कहा कि बेटी की मौत के बाद भी उन्हें सूचना नहीं दी गई और बिना पुलिस के शव को उतारा गया.
मृतका के भाई ने कहा कि उन्हें सुबह साढ़े नौ बजे फूफाजी का फोन आया था उन्होंने कहा कि बेटा पापा को जल्दी लेकर आओ गुड़िया को कुछ हो गया है. जिसके बाद हम यहां पहुंचे. मृतका के भाई ने कहा कि जब हम गुड़गांव से यहां पहुंचे तब तक पुलिस को भी सूचना नहीं दी गई थी. हमने ही पुलिस को फोन किया.
पुलिस के पहुंचने से पहले उतारा शवभाई ने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बिना पुलिस को बुलाए उसे उतारकर शारदा अस्पताल में ही ले गए, उस समय वहां न कोई डॉक्टर था ना पुलिस थी. उन्होंने सवाल किया कि फैकल्टी ने बिना पुलिस को बताए कैसे ये सब किया. इसकी सूचना पुलिस को क्यों नहीं दी गई और अब पुलिस वाले हम पर ही लाठीचार्ज कर रहे हैं.
मां ने कॉलेज फैकल्टी पर लगाए आरोपछात्रा की मां ने कहा कि- "मेरी कल सुबह आठ बजे बात हुई थी, शाम को साढ़े पांच बजे मैंने फोन किया लेकिन उसने फोन नहीं उठाया, 100 बच्चे हैं बीडीएस के उनपर प्रेशर डाला जाता है कि हम तुम्हें फेल करेंगे. हमारी मांग है कि हमें इंसाफ चाहिए."
मां ने आरोप लगाया कि "हमें न तो फोन करके बताया कि आपकी बेटी ने ऐसा कर लिया है. ये लोग खुद ही बेटी को उतारकर यहां से लेकर चले गए. यहां की पुलिस ने हम पर लाठीचार्ज किया है. मेरे पति और बेटे को डंडे मारे हैं.
इस पूरे मामले पर एडीसीपी ग्रेटर नोएडा सुधीर कुमार ने कहा कि- पुलिस को सूचना मिली थी कि यूनिवर्सिटी में एक छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. जिसके बाद पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची जिसके बाद पुलिस ने शव का पंचनामा की कार्रवाई की. परिजनों की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. दो आरोपियों को हिरासत में लिया गया है.
नोएडा की यूनिवर्सिटी में मानसिक उत्पीड़न से परेशान छात्रा ने की खुदकुशी, छात्रों का प्रदर्शन