ग्रेटर नोएडा वेस्ट में हिंडन नदी के किनारे स्थित डूब क्षेत्र में अतिक्रमण पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सख्त रुख अपनाते हुए शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की. प्राधिकरण की टीम ने हैबतपुर गांव में करीब 30 हजार वर्ग मीटर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराते हुए अवैध कॉलोनी शिवम एन्क्लेव पर बुलडोजर चला दिया. यह पूरी कार्रवाई राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के निर्देश पर की गई.

Continues below advertisement

दरअसल, डूब क्षेत्र में हो रहे अनधिकृत निर्माण के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने सिंचाई विभाग और प्राधिकरण को संयुक्त कार्रवाई के आदेश दिए थे. इस पर प्राधिकरण के परियोजना विभाग (वर्क सर्किल-1) ने प्रभारी प्रभात शंकर के नेतृत्व में पुलिस और सिंचाई विभाग के सहयोग से सुबह मी अभियान शुरू किया, जो करीब तीन घंटे चला.

कार्रवाई में दस से अधिक मकान किये गए ध्वस्तकार्रवाई के दौरान खसरा संख्या 209, 210, 211, 212, 213 और 217 की जमीन पर बने 10 से अधिक मकान और दो दर्जन बाउंड्री वॉल ध्वस्त कर दिए गए. कार्रवाई में 5 जेसीबी और 3 डंपर लगाए गए. मौके पर प्राधिकरण के महाप्रबंधक ए.के. सिंह, वरिष्ठ प्रबंधक राजेश कुमार निम, विनोद शर्मा, और पुलिस अधिकारी दीक्षा सहित भारी पुलिस बल मौजूद रहा.

Continues below advertisement

महाप्रबंधक ए.के. सिंह ने बताया कि डूब क्षेत्र होने के बावजूद कुछ कालोनाइजर चोरी-छिपे प्लॉटिंग कर अवैध निर्माण करा रहे थे. दूरदराज से आए लोग बेहतर जीवन की उम्मीद में इनसे जमीन खरीदकर मकान बना रहे थे. प्राधिकरण ने उन्हें पहले ही नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने को कहा था, लेकिन वे नहीं माने, जिसके बाद यह कठोर कार्रवाई करनी पड़ी.

एसीईओ की सख्त चेतावनीप्राधिकरण के एसीईओ सुमित यादव ने स्पष्ट किया है कि ग्रेटर नोएडा की अधिसूचित सीमा में किसी भी तरह का निर्माण बिना स्वीकृत नक्शा और अनुमति के अवैध माना जाएगा, फिर चाहे वह डूब क्षेत्र ही क्यों न हो. उन्होंने कहा कि आगे भी इस तरह की अवैध कॉलोनियों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी. साथ ही नागरिकों से अपील की गई है कि किसी भी जमीन को खरीदने से पहले प्राधिकरण से वैधता की पूरी जानकारी प्राप्त करें, ताकि उनकी मेहनत की कमाई असुरक्षित न हो. यह कार्रवाई प्राधिकरण की ओर से साफ संदेश है कि अतिक्रमण और अवैध निर्माण किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे.

ये भी पढ़ें: ग्रेटर नोएडा में इलाज का क्लेम देने से मुकरी बीमा कंपनी, कंज्यूमर कोर्ट ने सुनाया ये फैसला