ग्रेटर नोएडा बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ऑडिटोरियम में अहम समीक्षा बैठक हुई. जिसमें राज्यमंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को प्रदूषण को कम करते हुए वायु की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए है. इस मौके पर गौतमबुद्धनगर, हापुड़, गाजियाबाद और बुलंदशहर के अधिकारी मौजूद रहे. बैठक में कुछ अधिकारियों के मौजूद न मिलने से प्रमुख सचिव अनिल कुमार नाराज दिखाई दिए. 

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इस बैठक में वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए किए गए कार्यों की समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को प्रदूषण नियंत्रण करने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए गए. साथ ही नगरीय निकाय, विकास प्राधिकरण, परिवहन विभाग, औद्योगिक इकाइयां एवं पुलिस प्रशासन को आपस में समन्वय बनाकर प्रदूषण के स्तर में सुधार करने के निर्देश दिए गए है.

प्रदूषण बढ़ाने वाले वाहनों पर लगेगी लगाम

समीक्षा बैठक के दौरान प्रदूषण हॉटस्पॉट कम करने और नोएडा से नवंबर 2026 तक 1.85 लाख से अधिक पुराने वाहनों को बाहर करने की योजना पर चर्चा की गई. इसके साथ ही दिल्ली के लिए बीएस-4 से नीचे वाहनों की आवाजाही पर रोक की भी जानकारी मंत्री को दी गई. साथ ही डीसीपी ट्रैफिक ने बताया कि एक नवम्बर से छह नवंबर 2025 तक 9719 प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी दी.

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बैठक में एनसीआर में एक्यूआई को कम करने के लिए “ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान के पालन कराने के लिए की जा रही कार्रवाई से भी अवगत कराया गया. मंत्री ने अधिकारियों को निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के उपायों को लेकर सख्ती बरतने, पानी का छिड़काव, सफाई, पराली जलाने पर रोकथाम आदि की कार्रवाई करने के निर्देश दिए है.

बैठक में ये अधिकारी रहे मौजूद

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह, प्रमुख सचिव अनिल कुमार, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लखनऊ के अध्यक्ष डॉ. आरपी सिंह, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लखनऊ के सदस्य सचिव संजीव सिंह, डीएम गौतमबुद्ध नगर मेधा रूपम, डीएम बुलंदशहर श्रुति, डीएम हापुड़ अभिषेक पांडे और गाजियाबाद के सीडीओ अभिनव गोपाल, ग्रेनो प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस, नोएडा और यमुना की एसीईओ, सीडीओ डॉ. शिवाकांत द्विवेदी आदि मौजूद रहे.