गोरखपुर में स्‍मार्ट मीटर को लेकर विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब इस विवाद में सपा भी कूद गई है. सपा के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर इसे ‘सरकारी खूनचुसवा स्‍मार्ट मीटर’ बताया है. सपा कार्यकर्ता शहर की व्‍यस्‍ततम मुख्‍य सड़कों पर एक कार्यकर्ता को स्‍ट्रेचर पर लिटाकर सरकार के विरोध में प्रदर्शन करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे. यहां पर उन्‍होंने राज्‍यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपकर स्‍मार्ट मीटर पर रोक लगाने की मांग की है.

सपा के महानगर अध्‍यक्ष शब्‍बीर कुरैशी के नेतृत्‍व में मंगलवार 15 जुलाई को गोरखपुर के गोलघर की सड़क पर एकत्र हुए. प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी अधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा. उन्‍होंने मांग किया कि सरकारी स्मार्ट मीटर को बंद कराकर जनता को राहत दी जाए. साथ ही आरोप लगाया कि बिजली विभाग के अधिकारी और विजिलेंस के अधिकारी लोगों के घरों में छापेमारी करके एक-एक लाख रुपए का वसूली कर रहे हैं.

स्मार्ट मीटर को बताया खूनचुसवाइस दौरान वे हाथ में खून चढ़ाने वाले प्रतीकात्‍मक बोतल को भी हाथ में पकड़े दिखाई दिए. एक कार्यकर्ता स्‍ट्रक्‍चर पर लेटकर ड्रिप के सहारे स्‍मार्ट मीटर का खून चूसते हुए दिखाई दिया. सपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटर का नाम ही सरकारी खूनचुसवा स्मार्ट मीटर है. क्योंकि जो पहले घरों में बिजली के मीटर लगते थे, वे सही थे. अब स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है. बिजली भी अधिक जा रही है. बिजली का बिल भी अधिक आ रहा है. गरीब जनता महंगाई बेरोजगारी से परेशान है. बच्चों की फीस नहीं भर पा रहे हैं. यहां स्मार्ट मीटर लगाकर गरीबों का खून चूसने का काम किया जा रहा है.

सपा के महानगर अध्‍यक्ष शब्‍बीर कुरैशी ने कहा कि सपा ने इसका नाम ‘सरकारी खूनचुसवा स्‍मार्ट मीटर’ रखा है. इसके पहले जो लोगों के घरों में मीटर लगे थे, गरीब लोगों का 1 हजार से 15 सौ रुपए बिल आता है. जबसे स्‍मार्ट मीटर लगाया गया है. दो हजार, तीन हजार और पांच हजार बिल आ रहा है. अधिकतम 1 हजार से 15 सौ होने पर लाइट काट दी जा रही है.

अपना खजाना भर रही है सरकार- सपा नेताशब्‍बीर कुरैशी ने कहा कि सरकार प्राइवेट कंपनियों से सांठ-गांठ करके स्‍मार्ट मीटर लगा रही है. ये स्‍मार्ट मीटर जनता का खून चूसने और धन उगाही का काम कर रहे है. बिजली विभाग द्वारा स्‍मार्ट मीटर लगाने और चेकिंग के नाम पर अवैध वसूली की जाती है. इनके कर्मचारी और विजलेंस के लोग जब एक सा‍थ मिलकर छापा मारते हैं, तो गरीबों से लाख रुपए लेने का काम करते हैं.  इस ‘सरकारी खूनचुसवा स्‍मार्ट मीटर’ से उत्‍तर प्रदेश की सरकार अपना सरकारी खजाना भर रही है. सपा ये मांग करती है कि उत्‍तर प्रदेश सरकार इस स्‍मार्ट मीटर को लगाना बंद करे और महानगरवासियों को राहत देने का काम करे.