उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में शुक्रवार को वन भारत सिटीजन पार्टी (ओबीसी) द्वारा सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि के मौके पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कालीशंकर यदुवंशी ने सपा के मुलायम सिंह यादव के जीवन पर वेब साइट लांच की. उन्होंने कहा कि जो काम सपा को करना चाहिए था, वो काम ओबीसी पार्टी ने किया है. उन्होंने कहा कि आप समझ सकते हैं कि औरंगजेबी की संज्ञा किसे और क्यों दी गई. उन्होंने कहा कि वे पिछड़े दलितों और शोषितों के लिए सदैव खड़े रहने वाले नेताजी को भारत रत्न दिए जाने की वे मांग करते हैं.
ओबीसी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कालीशंकर यदुवंशी ने कार्यकर्ताओं के साथ बैंकरोड पुर्दिलपुर स्थित ओबीसी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय पर मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की. इस अवसर पर उन्होंने मुलायम सिंह यादव को अपना आदर्श बताते हुए कहा कि उन्होंने उनसे ही राजनीति का ककहरा सीखा है. उन्होंने कहा कि आज वे उनके जीवन, शिक्षा और राजनीति पर वेबसाइट लांच कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये काम सपा को करना चाहिए था, लेकिन उनकी पार्टी ने नेताजी को आदर्श मानते हुए वेबसाइट लांच की है.
मुलायम सिंह ने पिछड़ों-दलितों के लिए काम किया
कालीशंकर यदुवंशी ने कहा कि उन्होंने नेताजी से राजनीति का ककहरा सीखा है. वे आदर्श पुरुष हैं. उनके द्वारा ही वे राजनीति में आए हैं. उन्हें धरतीपुत्र कहा जाता है. वे धरती से निकले हुए लाल हैं. उन्होंने पिछड़े, दलितों और शोषितों के लिए खड़े रहे हैं. वे मांग करते हैं कि उन्हें भारत रत्न दिया जाए. आज उनके जीवन पर ओबीसी पार्टी जो देश की पहली पार्टी है जिसने वेबसाइट लांच किया है, जिससे आमजन और युवा जान सकें कि समाजवाद का असली मतलब परिवारवाद नहीं होता है. समाजवाद सीखा जाता है. समाजवाद लोहिया से सीखा जा सकता है. मुलायम सिंह यादव से सीखा जा सकता है.
हर पार्टी के नेता मुलायम सिंह को सम्मान देते हैं
ओबीसी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कालीशंकर ने कहा कि नेताजी को देश के प्रधानमंत्री से लेकर गांव के सरपंच तक में सम्मान है. नेताजी महानतम नेताओं में से एक हैं. देश में ऐसा नेता न तो हुआ है और न होगा. नेताजी ने रक्षामंत्री रहते हुए शहीदों के पार्थिव शरीर को उनके घर तक पहुंचाने और ससम्मान उनके अंतिम संस्कार की व्यवस्था की थी. नेताजी हमेशा कहते थे मुफ्त दवाई, मुफ्त पढ़ाई. ये दो चीजें उनके जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण थी. दुर्भाग्य की बात है कि नेताजी ने जीवन के अंतिम दौर में जिस समाजवादी पार्टी को सींचा और बड़ा किया, वो जीते-जी उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं रहे. जो लोग सत्तारूढ़ हैं, वो मानें या न मानें जनता देर सबेर उसका जवाब देगी.
मायावती बड़ी नेता, लेकिन अब काशीराम के रास्ते पर नहीं
कालीशंकर ने मायावती को बड़ा नेता बताते हुए कहा कि अब बीएसपी कांशीराम वाली पार्टी नहीं रह गई है. बीएसपी अब ठेकेदारों की पार्टी बन गई है. सपा-बीजेपी को लेकर उन्होंने जो बातें की वो उनकी व्यक्तिगत रुचि की बातें हैं. वो बदलती भी रहती है. उसी सपा से उन्होंने गठबंधन किया था. उसी भाजपा से जाकर लालजी टंडन को रक्षा भी बांधती थीं, जब बीजेपी के साथ सरकार बनाया था. ओबीसी पार्टी का इसी वजह से जन्म हुआ है. तमाम मीडिया घराने और बड़े नेताओं ने किसे औरंगजेब की संज्ञा दी. ये दुनिया जानती है. जो बात सच रहती है, वो निकलती है. इसे झुठलाया और छुपाया नहीं जा सकता है.
दलित समाज को साथ लेकर चलने का दावा
उन्होंने कहा कि ओबीसी पार्टी नेताजी के लिए सदैव सम्मान अपने दिल में रखेगी. इसके साथ ही हमेशा वो उन्हें आदर्श मानकर चलेगी. उनके पद चिह्नों पर चलकर समाजवाद लाएगी. इसके साथ ही कांशीराम को आदर्श मानकर दलितों के उत्थान के लिए काम करेगी. ओबीसी और दलित समाज जब तक मिलेंगे नहीं, तब तक उनका उत्थान नहीं होगा. ओबीसी पार्टी ओबीसी और दलित समाज को साथ लेकर चलेगा. यही वजह है कि ओबीसी पार्टी बनी है.