गोरखपुर में फाइटर प्लेन और बम धमाकों की आवाज से सहमे लोग, टीम ने किया रेस्क्यू
नीरज श्रीवास्तव | 06 Dec 2024 12:25 PM (IST)
UP News: गोरखपुर में 5 दिसंबर को ब्लैकआउट अभ्यास हुआ, जिसमें नागरिक सुरक्षा ने युद्ध के दौरान सुरक्षा प्रदर्शित की. लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी, वार्डेन ने लोगों को सुरक्षा के लिए निर्देशित किया.
मॉक ड्रिल का अभ्यास करते जवान
Gorakhpur News: यूपी के गोरखपुर के लोगों के लिए गुरुवार (5 दिसंबर) का दिन खास रहा. लोगों ने 1971 के भारत-पाक युद्ध के हालात में गोरखपुर में किए गए ब्लैक आउट (प्रकाश प्रतिबंध) को महसूस किया. गोरखपुर के तारामंडल में नागरिक सुरक्षा (सिविल डिफेंस) की ओर से युद्ध के हालात में खुद की सुरक्षा, बम बार्डिंग के समय घायलों के रेस्क्यू और लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के लिए मॉक ड्रिल किया गया. शहर के दक्षिणी छोर तारामंडल के एक किलोमीटर के दायरे में आयोजित इस मॉक ड्रिल में सिविल डिफेंस के साथ इंडियन एयर फोर्स और अग्निशमन विभाग, स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों ने भी समन्वय स्थापित किया. गोरखपुर के तारामंडल सर्किट हाउस इलाके में गुरुवार की शाम रोज की तरह सामान्य नहीं थी. शाम के 5 बजते ही इस इलाके के एक किलोमीटर के दायरे तक की बिजली गुल हो गई. अभी कोई कुछ समझ पाता तब तक नागरिक सुरक्षा के सायरन की आवाज चारों तरफ गूंज उठी. नागरिक सुरक्षा के वार्डेन सड़को पर दिखाई देने लगे. वार्डेन पब्लिक अनाउंस सिस्टम से लोगों से आग्रह कर रहे थे कि किसी प्रकार की भी लाइट या रौशनी चालू न रह जाए. अभी लोग समझ पाते कि लड़ाकू विमान की गरज से पूरे इलाके के लोग सहम गए.रामगढ़ताल क्षेत्र के ऊपर से कई बार लड़ाकू विमान के गुजरने और नागरिक सुरक्षा के सायरन सुन किसी बड़ी अनहोनी की आशंका सताने लगी.
अभ्यास के दौरान लाइट होती है बंदइसी बीच नागरिक सुरक्षा के वार्डेन, फायर टीम, पुलिस के जवान महन्त दिग्विजय नाथ पार्क, सर्किट हाउस व एनेक्सी भवन की तरफ दौड़े. वहां से हमले के बाद आग लगने व लोगों के घायल होने की सूचना मिली थी.चौकिए मत यह कोई असल का हमला नहीं बल्कि हवाई हमले से बचाव का ब्लैकआउट (प्रकाश प्रतिबंध) अभ्यास था. इस अभ्यास के दौरान संवेदनशील क्षेत्र में नागरिक सुरक्षा विभिन्न विभागों के साथ संयुक्त तौर पर आपातकाल के समय बचाव की तैयारी को परखता है. उस क्षेत्र को प्रतिबंधित कर दिया जाता है. जब तक कि हमले का खतरा टल जाने का सायरन दोबारा ध्वनित न कर दिया जाए. इस दौरान लाइट बंद कर दी जाती हैं, जिससे हवाई हमले करने वाले लड़ाकू विमान के पायलट आबादी वाले इलाकों या यूं कहें कि शहर के लोकेशन को लेकर भ्रमित हो जाएं.
लड़ाकू विमानों का प्रदर्शनगोरखपुर के तारामंडल क्षेत्र स्थित दिग्विजयनाथ पार्क में सोमवार को ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसे देखकर लोग कुछ क्षणों के लिए सन्न रह गए. नागरिक सुरक्षा के 62वें स्थापना दिवस पर आयोजित ब्लैकआउट और एयर रेड मॉकड्रिल ने सभी को चौंका दिया. इस दौरान एयर फोर्स गोरखपुर ने लड़ाकू विमानों का प्रदर्शन किया, जिसे देखकर ऐसा प्रतीत हुआ, जैसे कोई असली आपातकालीन स्थिति पैदा हो गई हो. नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों ने आग लगने की स्थिति में अग्निशमन वाहन से आग बुझाने, घायलों को तुरंत प्राथमिक चिकित्सा देने और अन्य आपात प्रबंधन कार्यों का जीवंत प्रदर्शन किया. आतंकवाद जैसी चुनौतियों पर चर्चाकार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर साइबर सुरक्षा और आतंकवाद जैसी चुनौतियों पर चर्चा की गई. इस अवसर पर नागरिक सुरक्षा गृह मंत्रालय भारत सरकार से कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सम्मिलित हुए एडीजी उमेश शर्मा ने ऐनक्सी भवन में अपने संबोधन में कहा कि इन बढ़ती चुनौतियों के बीच एक सशक्त और जागरूक नागरिक के रूप में स्वयंसेवकों की भूमिका अहम हो जाती है. सामाजिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के इस रोमांचक प्रदर्शन ने लोगों को न केवल जागरूक किया, बल्कि उनमें सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी का भाव भी जागृत किया.साल 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान शहर में वास्तविक ब्लैकआउट हुआ था. तब से आज तक इसका अभ्यास नहीं हुआ. लगभग पांच दशक बाद 29 अप्रैल 2022 को नागरिक सुरक्षा द्वारा योगी सरकार के निर्देश पर गोरखपुर में इसका अभ्यास किया गया था. 7 बजे मॉकड्रिल संपन्न की गई. चंपा देवी पार्क, ऐनक्सी भवन एवं सर्किट हाउस से सायरन बजा कर हवाई हमले के संकेत दिए गए. हवाई हमले के दो मिनट बाद ऑफिसर कमांडिंग, रेकी अधिकारी, घटना नियंत्रण अधिकारियों ने हवाई हमले से हुई क्षति का निरीक्षण किया. अग्निशमन दल, फर्स्ट एड रेस्क्यू टीम हवाई हमले के दौरान घायल हुए लोगों को रेस्क्यू कर बचाने में जुट गई. करीब 7 बजे मॉकड्रिल संपन्न की गई. सभी टीमों ने नियंत्रण कक्ष को रिपोर्ट किया.